Business Boom in Festival: हो सकता है 50 हजार करोड़ रुपए का कारोबार, भारतीय उत्पादों की बढ़ी मांग

Edited By jyoti choudhary,Updated: 04 Oct, 2024 06:15 PM

business may reach rs 50 thousand crores

देश भर में नवरात्रि ,रामलीला, गरबा और डांडिया जैसे उत्सवों, जो हर वर्ष देश भर में दस दिन तक मनाए जाते हैं। इन उत्सवों के चलते इस बार बार व्यापारिक गतिविधियों में बड़ा उछाल देखने को मिल रहा है। कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के एक अनुमान के...

बिजनेस डेस्कः देश भर में नवरात्रि ,रामलीला, गरबा और डांडिया जैसे उत्सवों, जो हर वर्ष देश भर में दस दिन तक मनाए जाते हैं। इन उत्सवों के चलते इस बार बार व्यापारिक गतिविधियों में बड़ा उछाल देखने को मिल रहा है। कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के एक अनुमान के मुताबिक अगले दस दिनों में देश भर में लगभग 50 हज़ार करोड़ रुपए से ज्यादा का कारोबार होने की संभावना है। अकेले दिल्ली में ही लगभग 8,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का कारोबार होगा। इन उत्सवों के दौरान बाजारों में रौनक बढ़ने की उम्मीद है, जिससे व्यापारियों को काफी फायदा होगा। 

भारत के प्रोडक्ट ही खरीदे जा रहे-चीनी उत्पादों से मोहभंग हुआ

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री और चांदनी चौक से सांसद प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि त्यौहारों में खरीदी की विशेष बात यह है कि बिक्री किया जाने वाले ज्यादातर भारतीय उत्पाद ही होंगे। अब लोगों का चीन से बने सामानों से मोहभंग हो चुका है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर 'वोकल फॉर लोकल' और 'आत्मनिर्भर भारत ' अभियान ने देश भर में भारतीय सामानों की गुणवत्ता को बढ़ाया है और अब भारत में बने सामान किसी भी विदेशी सामान से बेहतर हैं और यही कारण है कि उपभोक्ता का रुझान अब भारतीय वस्तुओं की खरीदी पर ही है। 

लाखों को मिलता है रोजगार 

देश भर में नवरात्रि, रामलीला, गरबा और डांडिया जैसे एक लाख से ज्यादा छोटे-बड़े कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनसे लाखों लोगों को रोजगार मिलता है। इस साल इन त्योहारों का समापन विजयदशमी, दुर्गा विसर्जन, करवा चौथ, धनतेरस, दीपावली, भाई दूज, छठ पूजा और तुलसी विवाह तक चलेगा। व्यापारिक संगठन के प्रतिनिधि प्रवीण खंडेलवाल के अनुसार, अकेले दिल्ली में ही लगभग एक हजार से अधिक रामलीलाएं होती हैं, जबकि सैकड़ों दुर्गा पूजा के पंडाल सजाए जाते हैं। मूल रूप से गुजरात से शुरू हुए डांडिया और गरबा के आयोजन अब देशभर में, खासकर दिल्ली में व्यापक रूप से होते हैं। इन त्योहारों को सौभाग्य और संपन्नता का प्रतीक माना जाता है।

कपड़ों और पूजा सामग्री की मांग में वृद्धि

इस त्योहार के दौरान पारंपरिक कपड़ों जैसे साड़ी, लहंगा, और कुर्ता की मांग में जबरदस्त बढ़ोतरी होती है। लोग पूजा और धार्मिक आयोजनों के लिए नए कपड़े खरीदते हैं, जिससे कपड़ा व्यापार में तेजी आती है। पूजा सामग्री जैसे फल, फूल, नारियल, चुनरी, दीपक, और अगरबत्ती की भी भारी मांग रहती है, जिससे बाजारों में रौनक बढ़ती है।

साज-सज्जा और मिठाई की बढ़ती बिक्री

त्योहारों में सजावट की वस्तुएं जैसे दीये, बंदनवार, रंगोली सामग्री और लाइटिंग की भी खूब खरीदारी होती है। इसके अलावा, हलवा, लड्डू, बर्फी जैसी मिठाइयों की खपत भी बढ़ जाती है। इस दौरान फलों और फूलों की मांग में भी बढ़ोतरी देखी जाती है।

व्यापारिक दृष्टिकोण से लाभकारी

नवरात्रि और रामलीला उत्सव केवल धार्मिक या सांस्कृतिक महत्व नहीं रखते, बल्कि व्यापार के दृष्टिकोण से भी काफी महत्वपूर्ण हैं। प्रवीण खंडेलवाल के अनुसार, इन दस दिनों में टेंट हाउस, सजावट कंपनियां और कई अन्य व्यापारिक गतिविधियों को भारी मुनाफा होता है।
 

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