Edited By jyoti choudhary,Updated: 08 Aug, 2024 01:11 PM
सरकार ने भारत में विनिर्माण परियोजनाओं (Manufacturing Projects) से जुड़े चीन के टेक्नीशियनों के व्यापार वीजा को समय पर मंजूर करने के लिए एक नई व्यवस्था लागू की है। 1 अगस्त से, चीन और अन्य सीमावर्ती देशों के टेक्नीशियनों के लिए व्यापार वीजा प्रक्रिया...
बिजनेस डेस्कः सरकार ने भारत में विनिर्माण परियोजनाओं (Manufacturing Projects) से जुड़े चीन के टेक्नीशियनों के व्यापार वीजा को समय पर मंजूर करने के लिए एक नई व्यवस्था लागू की है। 1 अगस्त से, चीन और अन्य सीमावर्ती देशों के टेक्नीशियनों के लिए व्यापार वीजा प्रक्रिया को सरल बना दिया गया है।
वीजा प्रक्रिया
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने जानकारी दी कि गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार, किसी कंपनी से प्राप्त ई-वीजा आवेदन को मंजूरी के लिए विदेश मंत्रालय और सुरक्षा एजेंसियों सहित अन्य संबंधित विभागों को भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय को 28 दिनों के भीतर आवेदन का उत्तर (मंजूरी या अस्वीकृति) देना होगा। इस वीजा की वैधता अवधि छह महीने होगी।
कंपनियों को राहत
इस कदम से उन कंपनियों को राहत मिलेगी जिन्होंने 14 प्रमुख क्षेत्रों में निवेश किया है। सरकार ने इन क्षेत्रों में विनिर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजनाएं शुरू की हैं। PLI योजना के तहत आने वाले इन 14 क्षेत्रों में मोबाइल फोन, ड्रोन, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, दूरसंचार, कपड़ा, वाहन, फार्मास्युटिकल्स आदि शामिल हैं।
इससे पहले, गृह मंत्रालय ने PLI योजनाओं के तहत भारतीय व्यापार वीजा के लिए आवेदन प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए मानक प्रक्रिया जारी की थी। लेकिन नए नियमों से उन कंपनियों को भी समान अवसर मिलेगा जिनकी भारत में विनिर्माण इकाइयां हैं लेकिन जो PLI योजना के तहत सरकारी सब्सिडी नहीं मांग रही हैं।
अधिकारी का बयान
अधिकारी ने कहा, ‘उन कंपनियों के लिए नियम अलग नहीं होने चाहिए, जो भारत में निवेश कर रही हैं और यहां अपने कारखाने लगा चुकी हैं लेकिन PLI योजना के तहत सब्सिडी नहीं मांग रही हैं। अगर उनका कोई व्यापार वीजा आवेदन है तो उसे मंजूरी के लिए ज्यादा इंतजार नहीं कराया जाना चाहिए।’ वीजा कठिनाइयों के कारण कलपुर्जा विनिर्माता जैसी कंपनियों को उत्पादकता की दिक्कतों से जूझना पड़ता है। वीजा आवेदन अटकने से कोई अहम मशीन लगाने या उनकी मरम्मत जैसे जरूरी कामों पर असर पड़ता है, जिससे उत्पादकता कम होती है।
अधिकारी ने कहा, ‘नए दिशानिर्देश लागू होने के साथ ही पूरी प्रक्रिया में एक महीने या 45 दिनों से अधिक समय नहीं लगना चाहिए।’ इस प्रक्रिया के तहत अब तक दस्तावेज और फाइलें हाथ से भरकर आगे बढ़ाई जाती थीं। इस कारण अधिक समय लगता था और वीजा की मंजूरी में महीनों लग जाते थे। मगर अब समूची प्रक्रिया ऑटोमैटिक हो गई है। इससे आवेदनों पर नजर रखना आसान हो जाएगा और समयबद्ध तरीके से मंजूरी देने में मदद मिलेगी।
भारत-चीन संबंध
जून 2020 में गलवान घाटी में झड़प के बाद भारत और चीन के बीच संबंधों में तनाव आने के बाद यह सब शुरू हुआ। तभी से चीन के नागरिकों का वीजा देर से मंजूर होता है। इस देर के कारण प्रभावित होने वाले प्रमुख क्षेत्रों में सौर पीवी मॉड्यूल, विशेष इस्पात, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स शामिल हैं। भारत और चीन के बीच सीमा विवाद बरकरार है।