EPFO के तहत आने वाले कर्मचारियों को सरकार दे सकती है सौगात! सैलरी में होगी बढ़ोतरी

Edited By jyoti choudhary,Updated: 12 Nov, 2024 12:59 PM

central government s big decision to increase salary limit under epfo

केंद्र सरकार जल्द ही कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के तहत वेतन सीमा बढ़ा सकता है। साथ ही कर्मचारियों की संख्या सीमा भी घटाई जा सकती है। इसका उद्देश्य एम्प्लॉई के लिए सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कवरेज को बढ़ाना और व्यापक बनाना है।

बिजनेस डेस्कः केंद्र सरकार जल्द ही कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के तहत वेतन सीमा बढ़ा सकता है। साथ ही कर्मचारियों की संख्या सीमा भी घटाई जा सकती है। इसका उद्देश्य एम्प्लॉई के लिए सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कवरेज को बढ़ाना और व्यापक बनाना है।

वर्तमान में ईपीएफओ के तहत वेतन सीमा 15,000 रुपए प्रति माह है, जिसे बढ़ाकर 21,000 रुपए तक किया जा सकता है। इस प्रकार, कर्मचारियों के लिए वेतन सीमा में 6,000 रुपए तक की बढ़ोतरी हो सकती है।

इसके साथ ही ईपीएफओ में शामिल होने के लिए किसी कंपनी में न्यूनतम कर्मचारियों की संख्या सीमा को 20 से घटाकर 10 से 15 कर्मचारियों के बीच किया जा सकता है।

मिनिस्ट्री में चल रही चर्चा

इस मामले से अवगत लोगों ने बताया कि श्रम और रोजगार मंत्रालय वर्तमान में स्टेकहोल्डर्स के साथ इस मामले पर चर्चा कर रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार सोशल सिक्योरिटी कोड को लागू करने के लिए उत्सुक है। यह वार्ता एम्प्लॉइज के लिए सामाजिक सुरक्षा उपायों को व्यापक और गहन बनाने के लिए गठित एक संचालन समिति की मजबूत सिफारिशों के बाद हो रही है।

साल 2014 में हुआ था अंतिम वेतन संशोधन

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि मंत्री सभी लंबित प्रस्तावों का मूल्यांकन कर रहे हैं। सरकार को लगता है कि ईपीएफओ के तहत वेतन सीमा और सीमा संशोधन लंबे समय से लंबित है। पिछला वेतन सीमा संशोधन साल 2014 में हुआ था, जब इसे 6500 रुपए से बढ़ाकर 15 हजार रुपए कर दिया गया था। 21 हजार रुपए की उच्च वेतन सीमा से पीएफ में वृद्धि होगी। साथ ही कर्मचारियों की पेंशन भी ज्यादा होगी।

प्रस्ताव से परिचित एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि सूक्ष्म और लघु कंपनियां 20 कर्मचारियों की सीमा को कम करने का विरोध कर रही हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इससे उनका अनुपालन बोझ और लागत बढ़ सकती है।

कितना होता है योगदान?

ईपीएफओ के तहत एम्प्लॉई और कंपनी दोनों को ईपीएफ अकाउंट में 12-12% योगदान करना जरूरी है। एम्प्लॉई के योगदान का पूरा 12% पीएफ अकाउंट में जाता है। वहीं कंपनी के योगदान का 8.33% कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) में और बाकी 3.67% पीएफ अकाउंट में जाता है।

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