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चीन-अमेरिका मिलकर बनाते हैं 74% प्लास्टिक, भारत की स्थिति क्या है?

Edited By jyoti choudhary,Updated: 11 Apr, 2025 05:06 PM

china and america together produce 74 of plastic what is india s position

प्लास्टिक प्रदूषण आज पूरी दुनिया के लिए एक गंभीर पर्यावरणीय संकट बन चुका है- चाहे समुद्र हो या पहाड़, जंगल हो या शहर, हर जगह प्लास्टिक कचरे के अंबार दिखाई देते हैं। एक ताज़ा रिसर्च पेपर ने दुनिया को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि इस संकट का सबसे...

बिजनेस डेस्कः प्लास्टिक प्रदूषण आज पूरी दुनिया के लिए एक गंभीर पर्यावरणीय संकट बन चुका है- चाहे समुद्र हो या पहाड़, जंगल हो या शहर, हर जगह प्लास्टिक कचरे के अंबार दिखाई देते हैं। एक ताज़ा रिसर्च पेपर ने दुनिया को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि इस संकट का सबसे बड़ा जिम्मेदार कौन है। साल 2022 में दुनिया में लगभग 26.8 करोड़ टन प्लास्टिक कचरा उत्पन्न हुआ। 

चौंकाने वाली बात ये है कि इस प्लास्टिक उत्पादन में सिर्फ दो देशों- चीन और अमेरिका का योगदान मिलाकर लगभग 74% रहा। जबकि भारत जैसे विकासशील देश का हिस्सा अपेक्षाकृत बहुत कम पाया गया।

'नेचर' मैगजीन में पब्लिश यह विश्लेषण बताता है कि साल 2022 में लगभग 40 करोड़ टन प्लास्टिक का उत्पादन हुआ। इसमें भारत की हिस्सेदारी महज 5 फीसदी ही रही। इस दौरान दुनिया को पर्यावरण का पाठ पढ़ाने वाले अमेरिका का प्लास्टिक उत्पादन में सबसे ज्‍यादा योगदान रहा, जहां कुल 42 फीसदी उत्‍पादन हुआ। दूसरे पायदान पर चीन रहा, जिसका योगदान 32 फीसदी पहुंच गया है।

प्‍लास्टिक का सबसे बड़ा उपभोक्‍ता कौन

प्‍लास्टिक का उत्‍पादन करने में भले ही अमेरिका सबसे आगे है लेकिन इस्‍तेमाल में यह दूसरे पायदान पर चला जाता है। चीन प्लास्टिक का सबसे बड़ा उपभोक्ता है, जो दुनिया की कुल आपूर्ति का 20 फीसदी इस्‍तेमाल करता है। इस मामले में अमेरिका 18 फीसदी के साथ दूसरे पायदान पर तो यूरोपीय संघ (ईयू) 16 फीसदी के साथ तीसरे पायदान पर काबिज हैं। भारत भी इस मामले में चौथे पायदान पर है, जहां 6 फीसदी यूज होता है। जापान भी 4 फीसदी इस्‍तेमाल के साथ प्लास्टिक यूज करने में पांचवें पायदान पर है।

दुनिया में कितना कचरा निकला

रिपोर्ट में कहा गया कि साल 2022 में प्रति व्‍यक्ति 216 किलोग्राम के हिसाब से सबसे ज्‍यादा प्‍लास्टिक की सबसे ज्‍यादा खपत अमेरिका में हुई। यह जापान में 129 किलोग्राम और यूरोपीय संघ में प्रति व्यक्ति 87 किलोग्राम प्लास्टिक की खपत से काफी ज्‍यादा रहा। इस दौरान दुनियाभर में लगभग 26.8 करोड़ टन प्लास्टिक कचरा उत्पन्न हुआ, जिसमें सबसे अधिक चीन (8.15 करोड़ टन) ने पैदा किया। उसके बाद अमेरिका (4.01 करोड़ टन), यूरोपीय संघ (तीन करोड़ टन) और भारत (95 लाख टन) का नंबर आता है।


 

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