Edited By jyoti choudhary,Updated: 05 Jan, 2024 12:12 PM
चीन की मोबाइल फोन विनिर्माता ट्रांजियन अपने देश में एक भी मोबाइल फोन नहीं बेचती है मगर अफ्रीका में अपनी धाक जमाने के बाद अब चुपके से भारत में पैठ बना रही है। बिक्री के मामले में ट्रांजियन भारत में शीर्ष पांच स्मार्टफोन कंपनियों की जमात में शामिल हो...
बिजनेस डेस्कः चीन की मोबाइल फोन विनिर्माता ट्रांजियन अपने देश में एक भी मोबाइल फोन नहीं बेचती है मगर अफ्रीका में अपनी धाक जमाने के बाद अब चुपके से भारत में पैठ बना रही है। बिक्री के मामले में ट्रांजियन भारत में शीर्ष पांच स्मार्टफोन कंपनियों की जमात में शामिल हो गई है।
काउंटरपॉइंट रिसर्च के आंकड़ों के अनुसार, हॉन्ग कॉन्ग की इस कंपनी की वर्ष 2023 में भारतीय स्मार्टफोन बाजार में 8.6 फीसदी हिस्सेदारी रही। ट्रांजियन आईटेल, इनफिनिक्स और टेक्नो ब्रांड नाम से अपने मोबाइल फोन की बिक्री करती है और 2022 में भारतीय बाजार में इन तीनों ब्रांडों के स्मार्टफोन की हिस्सेदारी 6.3 फीसदी थी। यह चीन की एक अन्य कंपनी ओप्पो को भी देश में टक्कर दे रही है जिसकी भारत में बाजार हिस्सेदारी 2022 और 2023 में लगभग स्थिर 10 फीसदी रही है।
वर्ष 2023 में देश के शीर्ष पांच ब्रांडों की कुल बाजार हिस्सेदारी वर्ष 2022 के 80 फीसदी से घटकर 73 फीसदी रह गई। पिछले साल स्मार्टफोन बाजार में 2 फीसदी की गिरावट आई है लेकिन बाजार हिस्सेदारी हासिल करने के मामले में ट्रांजियन फायदे में रही। कम कीमत वाले स्मार्टफोन बाजार में इसने मौजूदा कंपनियों की हिस्सेदारी में सेंध लगाई है। कपनी मुख्य रूप से 12,000 रुपए से कम कीमत वाले स्मार्टफोन की बिक्री करती है।
फीचर फोन बाजार में यह अग्रणी कंपनियों में से एक है। इस सेगमेंट में पिछले साल उसकी बाजार हिस्सेदारी 28 फीसदी रही और इसका प्रमुख ब्रांड आईटेल देशी कंपनी लावा को कड़ी टक्कर दे रहा है। कुल मिलाकर स्मार्टफोन का बाजार सिकुड़ रहा है लेकिन प्रीमियम सेगमेंट में ऐपल और प्रवेश स्तर पर ट्रांजियन जैसी कंपनियां अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ा रही हैं जबकि शीर्ष पांच ब्रांडों की हिस्सेदारी घट रही है।
इसकी वजह यह है कि प्रीमियम सेगमेंट का बाजार 20,000 रुपए से महंगे फोन का है और श्याओमी तथा रीयलमी जैसी प्रमुख कंपनियां 10,000 से 20,000 रुपए की कीमत वाले मोबाइल फोन पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं जिससे उनकी हिस्सेदारी कम हो रही है।