उभरते बाजारों में चीन की स्थिति में सुधार, MSCI EM IMI में फिर से हासिल किया पहला स्थान

Edited By jyoti choudhary,Updated: 12 Nov, 2024 11:33 AM

china s position improves in emerging markets regains first

चीन लगातार दो महीनों से एमएससीआई इमर्जिंग मार्केट इन्वेस्टेबल मार्केट इंडेक्स (MSCI EM IMI) में शीर्ष स्थान पर बना हुआ है। अगस्त में भारत ने यह स्थान हासिल किया था लेकिन अब चीन की स्थिति पुनः मजबूत नजर आ रही है। अक्टूबर के अंत में ईएम के मुख्य मानक...

बिजनेस डेस्कः चीन लगातार दो महीनों से एमएससीआई इमर्जिंग मार्केट इन्वेस्टेबल मार्केट इंडेक्स (MSCI EM IMI) में शीर्ष स्थान पर बना हुआ है। अगस्त में भारत ने यह स्थान हासिल किया था लेकिन अब चीन की स्थिति पुनः मजबूत नजर आ रही है। अक्टूबर के अंत में ईएम के मुख्य मानक में चीन का भारांक 24.72 प्रतिशत तक पहुंच गया है, जो अगस्त के अंत में 21.58 प्रतिशत था।

इस बीच भारत का भारांक 22.27 प्रतिशत से घटकर 20.42 प्रतिशत पर पहुंच गया है। यह बदलाव चीनी शेयरों में बड़ी उछाल के चलते हुआ है, क्योंकि चीन ने अपनी अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए आक्रामक प्रोत्साहन उपायों की घोषणा की है। दूसरी ओर भारत को लेकर निराशाजनक विदेशी बिकवाली और आय के आंकड़ों ने उम्मीदों को कम किया है। सितंबर के निचले स्तर से शांघाई कम्पोजिट इंडेक्स में 25 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है, जबकि भारत का सेंसेक्स सितंबर की अपनी ऊंचाई से 8 प्रतिशत गिर चुका है।

यदि हम एमएससीआई ऑल कंट्री वर्ल्ड आईएमआई (एसीडब्ल्यूआई आईएमआई) सूचकांक की बात करें, तो चीन ने इसमें पांचवां स्थान फिर से प्राप्त कर लिया है। अगस्त में वह फ्रांस और भारत से पीछे रहते हुए सातवें पायदान पर फिसल गया था। अक्टूबर के अंत में चीन का भारांक 2.67 प्रतिशत था, जो अगस्त के अंत में 2.24 प्रतिशत था।

अगस्त में भारत का चीन से आगे निकलना एक महत्वपूर्ण घटना मानी जा रही थी क्योंकि चीन के बाजार भारत की तुलना में आधे से कम मूल्यांकन पर उपलब्ध हैं। एमएससीआई ईएम आईएमआई सूचकांक में लार्जकैप, मिडकैप और स्मॉलकैप सभी प्रकार के शेयर शामिल हैं, जबकि मानक इंडेक्स केवल लार्जकैप और मिडकैप तक सीमित है।

एमएससीआई ईएम सूचकांक में चीन का भारांक भारत के 18.84 प्रतिशत की तुलना में काफी अधिक 27.38 प्रतिशत है। दिलचस्प यह है कि अक्टूबर के अंत में ताइवान 19.05 प्रतिशत भारांक के साथ मुख्य सूचकांक में भारत से आगे निकल गया। इस समय भारत का कुल बाजार पूंजीकरण 5.27 लाख करोड़ डॉलर है जबकि चीन का आंकड़ा 12 लाख करोड़ डॉलर का है।
 
 

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