Edited By jyoti choudhary,Updated: 03 Jan, 2025 10:32 AM
चीन, जो लंबे समय तक तेज़ आर्थिक विकास में आगे रहा है अब गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहा है। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अपने इतिहास के सबसे बड़े रियल एस्टेट बुलबुले के फटने से जूझ रही है। चीन के संपत्ति बाजार में पिछले तीन वर्षों में भारी...
बिजनेस डेस्कः चीन, जो लंबे समय तक तेज़ आर्थिक विकास में आगे रहा है अब गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहा है। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अपने इतिहास के सबसे बड़े रियल एस्टेट बुलबुले के फटने से जूझ रही है। चीन के संपत्ति बाजार में पिछले तीन वर्षों में भारी गिरावट देखी गई है। 2021 से अब तक 18 ट्रिलियन डॉलर का अनुमानित घरेलू संपत्ति का नुकसान हुआ है, जो 2008-09 के वैश्विक वित्तीय संकट में अमेरिका द्वारा झेले गए नुकसानों से भी अधिक है।
चीन की आर्थिक चुनौतियों का विश्लेषण
चीन की अर्थव्यवस्था पर वर्षों की अधिक कर्ज़दारी, अधिक निर्माण और अधिक उत्पादन क्षमता का बोझ है। ये समस्याएं घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर गंभीर परिणाम पैदा कर रही हैं।
प्रमुख बिंदु:
ओवरडेब्टेडनेस (अत्यधिक कर्ज़दारी): कई रियल एस्टेट कंपनियों पर भारी कर्ज़ है और संपत्तियों की मांग में कमी ने इस संकट को और बढ़ा दिया।
ओवरबिल्डिंग (अत्यधिक निर्माण): चीन के कई हिस्सों में 'घोस्ट टाउन' यानी खाली पड़े शहर निर्माण का उदाहरण हैं।
ओवरकैपेसिटी (अत्यधिक उत्पादन): औद्योगिक क्षेत्रों में उत्पादन क्षमता वास्तविक मांग से कहीं अधिक है, जिससे कीमतों और आर्थिक स्थिरता पर असर पड़ा है।