Edited By jyoti choudhary,Updated: 02 Oct, 2024 05:30 PM
कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़, उडुपी और उत्तर कन्नड़ जिलों में चीनी लहसुन की बढ़ती आपूर्ति ने किसानों को चिंतित कर दिया है। स्थानीय बाजारों में चीनी लहसुन की अधिकता के कारण किसानों को अपनी फसल के कम दाम मिलने की आशंका है। शिवमोगा के बाजारों में चीनी...
बिजनेस डेस्कः कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़, उडुपी और उत्तर कन्नड़ जिलों में चीनी लहसुन की बढ़ती आपूर्ति ने किसानों को चिंतित कर दिया है। स्थानीय बाजारों में चीनी लहसुन की अधिकता के कारण किसानों को अपनी फसल के कम दाम मिलने की आशंका है। शिवमोगा के बाजारों में चीनी लहसुन की भरमार पर व्यापारियों और उत्पादकों ने अपनी निराशा व्यक्त की, जिसके बाद उडुपी नगर आयुक्त बी रायप्पा ने आदि उडुपी में एक व्यापारी के परिसर पर छापा मारकर पांच क्विंटल चीनी लहसुन जब्त किया।
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भारतीय लहसुन की कीमतों पर असर
भारतीय लहसुन की कीमतें, जो इस समय 200-250 रुपए प्रति किलो के आसपास हैं, चीनी लहसुन की आपूर्ति बढ़ने से 150-175 रुपए प्रति किलो तक गिर सकती हैं। व्यापारियों का कहना है कि चीनी लहसुन की मांग अधिक है क्योंकि यह आकार में बड़ा होता है और इसे छीलना और कुचलना आसान है, जबकि इसकी कीमत भी केवल 50-60 रुपए प्रति किलो है। इस सस्ते विकल्प के चलते ग्राहक चीनी लहसुन को भारतीय लहसुन के मुकाबले ज्यादा पसंद कर रहे हैं।
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बाजार में चीनी लहसुन का वैधता परीक्षण
उडुपी के नगर आयुक्त ने व्यापारियों को आश्वासन दिया कि चीनी लहसुन की वैधता सुनिश्चित करने के बाद ही उसे बाजार में बिक्री के लिए अनुमति दी जाएगी। हालांकि, व्यापारियों का कहना है कि चीनी लहसुन, स्थानीय व्यापार लाइसेंस के तहत बाजार में लाया जा रहा है और इसके व्यापार के लिए किसी विशेष लाइसेंस की आवश्यकता नहीं है।