मुकेश अंबानी, सुनील मित्तल और एलन मस्क के बीच टकराव, जानें अरबपतियों के बीच विवाद की वजह

Edited By jyoti choudhary,Updated: 16 Oct, 2024 11:40 AM

clash between mukesh ambani sunil bharti mittal and elon musk

एलन मस्क ने भारत में सेटेलाइट-आधारित इंटरनेट स्पेक्ट्रम के नीलामी के प्रस्ताव पर सवाल उठाते हुए मुकेश अंबानी और सुनील भारती मित्तल की मांग को 'अभूतपूर्व' बताते हुए निशाना साधा है। अंबानी की कंपनी रिलायंस जियो और मित्तल की भारती एयरटेल, दोनों ने...

बिजनेस डेस्कः एलन मस्क ने भारत में सेटेलाइट-आधारित इंटरनेट स्पेक्ट्रम के नीलामी के प्रस्ताव पर सवाल उठाते हुए मुकेश अंबानी (mukesh ambani) और सुनील भारती मित्तल (Sunil Bharti Mittal) की मांग को 'अभूतपूर्व' बताते हुए निशाना साधा है। अंबानी की कंपनी रिलायंस जियो (Reliance Jio) और मित्तल की भारती एयरटेल, दोनों ने स्पेक्ट्रम के आवंटन के लिए नीलामी का समर्थन किया है ताकि टेलीकॉम कंपनियों को समान अवसर मिल सके। दूसरी ओर मस्क की स्टारलिंक, वैश्विक मानदंडों का हवाला देते हुए स्पेक्ट्रम के प्रशासनिक आवंटन की वकालत कर रही है।

स्टारलिंक की भारत में एंट्री की तैयारी

एलन मस्क (elon musk) की स्टारलिंक दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते मोबाइल टेलीफोन और इंटरनेट बाजार भारत में कदम रखने की योजना बना रही है। दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी इस रुख से सहमति जताते हुए कहा कि दूरसंचार तरंगों को नीलामी के बजाय प्रशासनिक आवंटन के जरिये दिया जाएगा। सिंधिया ने कहा कि दूरसंचार अधिनियम, 2023 ने इस मामले को 'अनुसूची एक' में रखा है, जिसका मतलब है कि सेटेलाइट इंटरनेट स्पेक्ट्रम को प्रशासनिक रूप से आवंटित किया जाएगा। उन्होंने कहा, "इसका मतलब यह नहीं है कि स्पेक्ट्रम बिना लागत के आता है। वह लागत क्या होगी और उस लागत का फॉर्मूला क्या होगा, यह ट्राई तय करेगा। 

स्पेक्ट्रम की कीमत ट्राई तय करेगा

ट्राई पहले ही इस पर एक स्टडी पेपर ला चुका है। दूरसंचार नियामक को संविधान ने यह तय करने का अधिकार दिया है कि प्रशासनिक मूल्य क्या होने वाला है।" मंत्री ने भरोसा जताया कि ट्राई सबसे अच्छी कीमत तय करेगा जिसे अपनाया जाना चाहिए, बशर्ते कि यह प्रशासनिक तरीके से दिया जा रहा हो। उन्होंने ने कहा, "दुनिया भर में उपग्रह स्पेक्ट्रम का आवंटन प्रशासनिक रूप से किया जाता है। इसलिए, भारत बाकी दुनिया से कुछ अलग नहीं कर रहा है। इसके उलट अगर आप इसकी नीलामी करने का निर्णय लेते हैं तो आप कुछ ऐसा करेंगे, जो बाकी दुनिया से अलग होगा।" मस्क ने सैटेलाइट ब्रॉडबैंड का आवंटन किए जाने और नीलामी न करने संबंधी ट्राई के परामर्श पत्र को खारिज करने की जियो की मांग को ‘अभूतपूर्व’ बताया है। 

मस्क ने मित्तल की मांग पर नाखुशी जताई 

मस्क ने मंगलवार को नाखुशी जताई जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में मित्तल ने बोली लगाने का रास्ता चुनने की मांग रखी। मस्क ने पूछा कि क्या स्टारलिंक को भारत में इंटरनेट सेवाएं देने की मंजूरी देना ‘बहुत बड़ी परेशानी’ है। यह शायद पहली बार है जब अंबानी, मित्तल और गौतम अदाणी की साझी संपत्ति से भी अधिक 241 अरब डॉलर की संपत्ति रखने वाले मस्क ने समान अवसर दिए जाने की मांग के खिलाफ अपनी नाखुशी जताई है। मस्क ने जियो की तरफ से सरकार को लिखे गए पत्र का जवाब अपने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर देते हुए कहा, "मैं फोन करूंगा और पूछूंगा कि क्या स्टारलिंक को भारत के लोगों को इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिस्पर्धा करने की अनुमति देना बहुत अधिक परेशानी नहीं होगी।" 

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