Edited By jyoti choudhary,Updated: 12 Aug, 2024 01:08 PM
तेलंगाना के वारंगल में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC) के पेट्रोल पंप (Petrol Pump) पर एक उपभोक्ता अधिकार मामला सामने आया है। 30 जुलाई 2022 को एक महिला की पेट्रोल कार में गलती से डीजल भर दिया गया, जिससे उसकी कार में गंभीर समस्याएं हुईं और लंबे कानूनी...
बिजनेस डेस्कः तेलंगाना के वारंगल में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC) के पेट्रोल पंप (Petrol Pump) पर एक उपभोक्ता अधिकार मामला सामने आया है। 30 जुलाई 2022 को एक महिला की पेट्रोल कार में गलती से डीजल भर दिया गया, जिससे उसकी कार में गंभीर समस्याएं हुईं और लंबे कानूनी विवाद का सामना करना पड़ा। कंज्यूमर कोर्ट ने कार मालिक को 26,000 रुपए मुआवजा देने का आदेश दिया।
क्या है मामला
कार मालिक मीनाक्षी नायडू (Meenakshi Naidu) ने पेट्रोल पंप पर ईंधन भरने के तुरंत बाद अपनी कार में खराबी महसूस हुई। कार का इंजन तेज आवाज करने लगा और ठीक से काम नहीं कर रहा था। इसके परिणामस्वरूप, उन्हें हैदराबाद में एक अधिकृत मरम्मत केंद्र (authorized repair center) में जाना पड़ा, जहां तकनीशियनों ने पुष्टि की कि डीजल भरने के कारण कार को नुकसान हुआ था। मरम्मत की लागत 6,381 रुपए आई।
कार में आई समस्या पता चलने के बाद नायडू ने पेट्रोल पंप के संचालक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में कहा गया था कि उनके टैंक पर केवल पेट्रोल के निशान होने के बावजूद कार में डीजल डाला गया। अपने बचाव में पंप संचालक ने दावा किया कि किसी भी समस्या की तुरंत सूचना दी जानी चाहिए थी।
कोर्ट का फैसला
मामला जिला उपभोक्ता न्यायालय (District Consumer Court) में पहुंचा। दो साल की सुनवाई के बाद, अदालत ने नायडू के पक्ष में फैसला सुनाया और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (Indian Oil Corporation) को 26,000 रुपए मुआवजा देने का आदेश दिया। अदालत ने पंप संचालक की लापरवाही को गंभीर माना और इस निर्णय के माध्यम से उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा की।