Edited By jyoti choudhary,Updated: 20 Aug, 2024 01:41 PM
पिछले महीने के बजट में सरकार द्वारा कस्टम ड्यूटी (custom duty) में कटौती की घोषणा के बाद सोने की कीमतों में गिरावट देखी जा रही है। इसी के चलते गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) की ओर निवेशकों की रुचि बढ़ गई है, खासकर नए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) के...
बिजनेस डेस्कः पिछले महीने के बजट में सरकार द्वारा कस्टम ड्यूटी (custom duty) में कटौती की घोषणा के बाद सोने की कीमतों में गिरावट देखी जा रही है। इसी के चलते गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) की ओर निवेशकों की रुचि बढ़ गई है, खासकर नए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) के जारी होने को लेकर अनिश्चितता के बीच। फाइनेंशियल प्लानर्स का मानना है कि निवेशकों को सोने में कम से कम 10% का अलोकेशन रखना चाहिए।
हाल की कीमतों में गिरावट उन लोगों के लिए एक अच्छा अवसर है जिन्होंने अब तक सोने में निवेश नहीं किया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, हाल के बजट में कस्टम ड्यूटी में कटौती के बाद घरेलू सोने की कीमतें 6% घटकर 69,100 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गई हैं। पिछले एक साल में सोने ने 21.10% का रिटर्न दिया है।
अपने पोर्टफोलियो में शामिल करें सोना
विश्लेषकों का कहना है कि सोना पोर्टफोलियो में विविधता लाने और महंगाई के खिलाफ एक सुरक्षा कवच के रूप में काम करता है। इसलिए, निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में सोने का 5-10% हिस्सा रखना चाहिए। क्वांटम म्यूचुअल फंड के मुख्य निवेश अधिकारी, चिराग मेहता के अनुसार, जिन निवेशकों ने अभी तक सोने में निवेश नहीं किया है, उनके लिए वर्तमान कीमतों में गिरावट एक अच्छा अवसर हो सकता है।
निवेश की मांग को मिल सकता है बढ़ावा
टाटा असेट मैनेजमेंट के फंड मैनेजर तपन पटेल का कहना है कि अमेरिकी चुनावों और फेड की नीतिगत स्थिति के कारण बाजार में अनिश्चितता सोने के लिए एक सकारात्मक कारक है। ब्याज दरों में संभावित कटौती सोना फंडों में निवेश को बढ़ावा दे सकती है। इसके अलावा, चीन से मिल रहे मजबूत आर्थिक प्रोत्साहन भी सोने की निवेश मांग को बढ़ावा दे सकते हैं।
नए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के जारी होने को लेकर अनिश्चितता
अब तक फंड मैनेजरों ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को तरजीह दी, क्योंकि सरकार हर साल 2.5% अतिरिक्त ब्याज देती थी। इसके अलावा एक्सपेंस रेशो नहीं था। इसके साथ ही मैच्योरिटी पर कैपिटल गेन टैक्स फ्री था। हालांकि, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का आखिरी प्राइमरी इशू मार्च 2024 में था। इस साल नए इशू को लेकर कोई घोषणा नहीं हुई है। जबकि इन बॉन्डों की मौजूदा सीरीज सेकंडरी मार्केट में 10-12% प्रीमियम पर ट्रेड करती है। सेज कैपिटल के संस्थापक निखिल गुप्ता कहते हैं कि नए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के जारी होने के बारे में कोई स्पष्टता नहीं है। ऐसे में अपने पोर्टफोलियो में गोल्ड जोड़ने के इच्छुक निवेशकों के लिए गोल्ड ईटीएफ या गोल्ड म्यूचुअल फंड खरीदना बेहतर होगा।
क्या है गोल्ड ईटीएफ?
शेयर के जैसे ही गोल्ड ईटीएफ की भी खरीदी-बिक्री होती है। इसके ट्रांजेक्शन बीएसई और एनएसई से किए जा सकते हैं। जब भी आपको पैसे की जरूरत हो तब इसे बेचा जा सकता है। यह इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड है, जो आपके डीमैट अकाउंट में रहता है।