Edited By jyoti choudhary,Updated: 28 Dec, 2024 03:31 PM
वित्त वर्ष 2022-23 में पीएम केयर्स फंड में कुल स्वैच्छिक योगदान घटकर 912 करोड़ रुपए रह गया। कोविड-19 महामारी के बाद मार्च 2020 में बनाये गए इस सार्वजनिक परोकारी ट्रस्ट के गठन के बाद से यह सबसे कम राशि है। प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और आपातकालीन...
नई दिल्लीः वित्त वर्ष 2022-23 में पीएम केयर्स फंड में कुल स्वैच्छिक योगदान घटकर 912 करोड़ रुपए रह गया। कोविड-19 महामारी के बाद मार्च 2020 में बनाये गए इस सार्वजनिक परोकारी ट्रस्ट के गठन के बाद से यह सबसे कम राशि है। प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और आपातकालीन स्थितियों में राहत (पीएम केयर्स) फंड की वेबसाइट पर दिए गए लेखा परीक्षा विवरणों से पता चलता है कि स्वैच्छिक योगदान 2020-21 में 7,184 करोड़ रुपए के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था। इसके बाद 2021-22 में यह घटकर 1,938 करोड़ रुपए रह गया।
कोविड का खतरा कम होने पर 2022-23 में इसमें और गिरावट आई। वित्त वर्ष 2022-23 अंतिम वर्ष है, जिसके लिए विवरण वेबसाइट पर उपलब्ध है। विदेशी योगदान में भी तेज गिरावट आई, जो 2020-21 में 495 करोड़ रुपए के उच्चतम स्तर पर से घटकर अगले दो वर्षों में क्रमश: 40 करोड़ रुपए और 2.57 करोड़ रुपए रह गया। वित्त वर्ष 2022-23 में कुल खर्च लगभग 439 करोड़ रुपए था, जिसमें से 346 करोड़ रुपए 'पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन' ने उपयोग किए। यह कोविड महामारी में अपने माता-पिता या कानूनी अभिभावकों को खोने वाले बच्चों की सहायता के लिए एक सरकारी पहल है। बयान के अनुसार, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की खरीद पर लगभग 92 करोड़ रुपए खर्च किए गए।