mahakumb

Credit cards के इस्तेमाल में जबरदस्त बढ़ोतरी, जानें देश में क्या है Debit Card का स्टेटस

Edited By jyoti choudhary,Updated: 28 Jan, 2025 11:58 AM

credit cards more than double in 5 years debit cards stable

भारत में बचत की प्रवृत्ति के बावजूद क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल में जबरदस्त बढ़ोतरी दर्ज की गई है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, पिछले पांच सालों में क्रेडिट कार्ड की संख्या दोगुनी से भी ज्यादा होकर लगभग 10.80 करोड़ हो गई...

बिजनेस डेस्कः भारत में बचत की प्रवृत्ति के बावजूद क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल में जबरदस्त बढ़ोतरी दर्ज की गई है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, पिछले पांच सालों में क्रेडिट कार्ड की संख्या दोगुनी से भी ज्यादा होकर लगभग 10.80 करोड़ हो गई है। दिसंबर 2019 में जहां 5.53 करोड़ क्रेडिट कार्ड प्रचलन में थे, वहीं दिसंबर 2024 के अंत तक यह आंकड़ा 10.80 करोड़ को पार कर गया। इसके विपरीत, डेबिट कार्ड की संख्या में मामूली वृद्धि हुई है, जो दिसंबर 2019 के 80.53 करोड़ से बढ़कर दिसंबर 2024 में 99.09 करोड़ पर पहुंची।

डिजिटल लेन-देन ने लगाई जबरदस्त छलांग

आरबीआई रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पिछले दशक में भारत में डिजिटल भुगतान में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। कैलेंडर वर्ष 2013 में 222 करोड़ डिजिटल लेन-देन हुए, जिनका मूल्य 772 लाख करोड़ रुपए था, जबकि कैलेंडर वर्ष 2024 में यह मात्रा में 94 गुना और मूल्य में 3.5 गुना से ज्यादा बढ़कर 20,787 करोड़ से अधिक लेन-देन हो गए, जिनका मूल्य 2,758 लाख करोड़ रुपए है। दिसंबर 2024 की भुगतान प्रणाली रिपोर्ट में बताया गया है कि बीते पांच वर्षों में ही भारत में डिजिटल भुगतान की मात्रा में 6. 7 गुना और मूल्य में 1. 6 गुना बढ़ोतरी हुई है। यह डिजिटल भुगतान की मात्रा के मामले में 45. 9 प्रतिशत और डिजिटल भुगतान के मूल्य के मामले में 10. 2 प्रतिशत की पांच साल की सीएजीआर है।

सीमा पार भुगतान को बढ़ाने की दिशा में काम

रिपोर्ट में कहा कि वह यूपीआई को दूसरे देशों की फास्ट पेमेंट सिस्टम से जोड़कर सीमा पार भुगतान को बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है। इसने कहा कि इस तरह के जुड़ाव से सीमा पार रेमिटेंस पेमेंट (प्रेषण भुगतान) में उच्च लागत, कम गति, सीमित पहुंच और पारदर्शिता की कमी के मुद्दों को हल करने में मदद मिलती है। फरवरी 2023 में भारत (यूपीआई) और सिंगापुर (पे नाउ) की फास्ट पेमेंट सिस्टम को जोड़ा गया। आरबीआई ने प्रोजेक्ट नेक्सस में भी भाग लिया है, जो कई देशों की घरेलू तेज़ भुगतान प्रणालियों को आपस में जोड़कर तत्काल सीमा पार खुदरा भुगतान को सक्षम करने के लिए एक बहुपक्षीय अंतर्राष्ट्रीय पहल है।

इन देशों में पेमेंट सक्षम किया गया

भूटान, फ्रांस, मॉरीशस, नेपाल, सिंगापुर, श्रीलंका और यूएई में QR कोड के माध्यम से भारतीय यूपीआई ऐप का इस्तेमाल करके व्यापारियों को भुगतान सक्षम किया गया है। केंद्रीय बैंक के डिप्टी गवर्नर टी. रबी शंकर ने रिपोर्ट की प्रस्तावना में कहा कि जब भुगतान प्रणालियों की बात आती है, तो रिजर्व बैंक ने हमेशा आगे रहने का प्रयास किया है। भुगतान क्षेत्र में इनोवेशन को प्रोत्साहित करना बैंक की नीति रही है। इनोवेशन और रेगुलेटरी सपोर्ट से प्रेरित होकर, हमारा पेमेंट सिस्टम दुनिया भर में सबसे आधुनिक में से एक बन गई हैं। भारत में खुदरा डिजिटल भुगतान वित्तीय वर्ष 2012-13 में 162 करोड़ लेन-देन से बढ़कर वित्तीय वर्ष 2023-24 में 16,416 करोड़ से अधिक लेन-देन हो गया है यानी 12 वर्षों में लगभग 100 गुना बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

Related Story

    Trending Topics

    Afghanistan

    134/10

    20.0

    India

    181/8

    20.0

    India win by 47 runs

    RR 6.70
    img title
    img title

    Be on the top of everything happening around the world.

    Try Premium Service.

    Subscribe Now!