Edited By jyoti choudhary,Updated: 28 May, 2024 02:03 PM
देश की बैकिंग प्रणाली की ऋण वृद्धि में चालू वित्त वर्ष 2024-25 में दो प्रतिशत घटकर 14 प्रतिशत हो सकती है। घरेलू रेटिंग एजेंसी क्रिसिल के अनुसार वित्त वर्ष 2023-24 में बैकिंग प्रणाली की ऋण वृद्धि दर 16 प्रतिशत थी, यदि कोई एचडीएफसी विलय के प्रभाव को...
मुंबईः देश की बैकिंग प्रणाली की ऋण वृद्धि में चालू वित्त वर्ष 2024-25 में दो प्रतिशत घटकर 14 प्रतिशत हो सकती है। घरेलू रेटिंग एजेंसी क्रिसिल के अनुसार वित्त वर्ष 2023-24 में बैकिंग प्रणाली की ऋण वृद्धि दर 16 प्रतिशत थी, यदि कोई एचडीएफसी विलय के प्रभाव को छोड़ दे। रेटिंग एजेंसी के अनुसार, इस मंदी से वित्त वर्ष 2024-25 में (सकल घरेलू उत्पाद) जीडीपी वृद्धि दर भी घटकर 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह वित्त वर्ष 2023-24 में 7.6 प्रतिशत थी।
क्रिसिल ने कहा कि धीमी जमा अभिवृद्धि ऋण वृद्धि पर नियंत्रण रख सकती है। हालांकि एजेंसी ने माना कि पिछले वर्ष जमा और ऋण वृद्धि के बीच का अंतर कम हुआ है। एजेंसी ने कहा, ‘‘इस राजकोषीय वृद्धि को उच्च आधार प्रभाव, जोखिम भार में संशोधन और कुछ हद तक कम सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि से नियंत्रित किया जाएगा।''
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि यह कहना जल्दबाजी होगी कि ऋण मांग के मूलभूत चालक मोटे तौर पर बरकरार हैं। निजी कॉर्पोरेट पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) में पुनरुद्धार खासकर वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी छमाही में वृद्धि को बढ़ावा दे सकते हैं।