Edited By jyoti choudhary,Updated: 26 Oct, 2024 04:00 PM
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने शुक्रवार को कहा कि क्रिप्टोकरेंसी फाइनेंशियल स्टेबिलिटी और मौद्रिक स्थिरता के लिए बहुत बड़ा जोखिम है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इससे ऐसी स्थिति पैदा हो सकती है, जहां केंद्रीय बैंक...
वाशिंगटनः भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने शुक्रवार को कहा कि क्रिप्टोकरेंसी फाइनेंशियल स्टेबिलिटी और मौद्रिक स्थिरता के लिए बहुत बड़ा जोखिम है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इससे ऐसी स्थिति पैदा हो सकती है, जहां केंद्रीय बैंक अर्थव्यवस्था में मुद्रा आपूर्ति पर नियंत्रण खो देगा। दास ने कहा, ''मेरा मानना है कि यह ऐसी चीज है, जिसे वित्तीय प्रणाली पर हावी होने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। इसमें वित्तीय स्थिरता के लिए बहुत बड़ा जोखिम है। इसमें मौद्रिक स्थिरता के लिए बहुत बड़ा जोखिम है। यह बैंकिंग प्रणाली के लिए भी जोखिम पैदा करता है।''
उन्होंने प्रमुख थिंक-टैंक पीटरसन इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स में कहा कि यह ऐसी स्थिति भी पैदा कर सकता है, जहां केंद्रीय बैंक अर्थव्यवस्था में मुद्रा आपूर्ति पर नियंत्रण खो देगा। दास ने कहा कि यदि केंद्रीय बैंक अर्थव्यवस्था में मुद्रा आपूर्ति पर नियंत्रण खो देगा है, तो प्रणाली में उपलब्ध नकदी की जांच कैसे होगी। उन्होंने आगे कहा कि संकट के समय मुद्रा आपूर्ति को नियंत्रित कर केंद्रीय बैंक मुद्रास्फीति को नियंत्रित करता है। इसलिए, हम क्रिप्टो को एक बड़े जोखिम के रूप में देखते हैं। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि इस पर अंतरराष्ट्रीय समझ बननी चाहिए, क्योंकि इसका सीमापार लेनदेन होता है।
आरबीआई गवर्नर ने कहा, ''क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े बड़े जोखिमों के बारे में पूरी तरह सचेत रहना चाहिए। मुझे लगता है कि इसे प्रोत्साहित नहीं किया जाना चाहिए। यह राय बहुत लोकप्रिय नहीं है, लेकिन मुझे लगता है कि वित्तीय स्थिरता के संरक्षक के रूप में यह दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है।'' दास ने कहा कि सरकारें भी क्रिप्टोकरेंसी में संभावित नकारात्मक जोखिमों के बारे में तेजी से जागरूक हो रही हैं।