मार्च तिमाही में चालू खाता 5.7 अरब डॉलर के अधिशेष में: RBI

Edited By jyoti choudhary,Updated: 25 Jun, 2024 12:00 PM

current account in surplus of 5 7 billion in march quarter rbi

देश के चालू खाते में इस साल जनवरी-मार्च तिमाही में 5.7 अरब डॉलर के अधिशेष की स्थिति रही जो सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 0.6 प्रतिशत है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को यह जानकारी दी। आरबीआई ने 'भारत के भुगतान संतुलन में विकास' पर जारी एक...

नई दिल्लीः देश के चालू खाते में इस साल जनवरी-मार्च तिमाही में 5.7 अरब डॉलर के अधिशेष की स्थिति रही जो सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 0.6 प्रतिशत है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को यह जानकारी दी। आरबीआई ने 'भारत के भुगतान संतुलन में विकास' पर जारी एक विज्ञप्ति में कहा कि एक साल पहले की समान तिमाही में चालू खाता में 1.3 अरब डॉलर के घाटे की स्थिति थी जो जीडीपी का 0.2 प्रतिशत थी। वहीं अक्टूबर-दिसंबर, 2023 की तिमाही में चालू खाते में 8.7 अरब डॉलर का घाटा रहा था जो जीडीपी का एक प्रतिशत था। 

मार्च तिमाही का आंकड़ा आने के साथ ही 2023-24 के समूचे वित्त वर्ष में चालू खाते का घाटा 23.2 अरब डॉलर पर आ गया जो जीडीपी का 0.7 प्रतिशत है। वित्त वर्ष 2022-23 में देश का चालू खाते का घाटा 67 अरब डॉलर यानी जीडीपी का दो प्रतिशत था। पिछले वित्त वर्ष की मार्च तिमाही में वस्तु व्यापार घाटा 50.9 अरब डॉलर रहा, जो एक साल पहले की समान अवधि में 52.6 अरब डॉलर से कम है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि इस खंड में 4.1 प्रतिशत वृद्धि होने से देश की शुद्ध सेवा प्राप्तियां 42.7 अरब डॉलर रहीं जो एक साल पहले के 39.1 अरब डॉलर से अधिक है। इससे चालू खाते को अधिशेष की स्थिति में लाने में मदद मिली। 

आरबीआई की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, प्राथमिक आय खाते पर शुद्ध बर्हप्रवाह, जो मुख्य रूप से निवेश आय के भुगतान को दर्शाता है, एक साल पहले के 12.6 अरब डॉलर से बढ़कर 14.8 अरब डॉलर हो गया। इस दौरान मुख्य रूप से विदेशों में कार्यरत भारतीयों द्वारा प्रेषित धन को दर्शाने वाली निजी हस्तांतरण प्राप्तियां 11.9 प्रतिशत बढ़कर 32 अरब डॉलर हो गईं। जनवरी-मार्च में विदेश में रहने वाले भारतीयों की जमा राशि भी बढ़कर 5.4 अरब डॉलर हो गई, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 3.6 अरब डॉलर थी। वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में शुद्ध विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) प्रवाह दो अरब डॉलर था, जबकि एक साल पहले यह 6.4 अरब डॉलर था। 

आलोच्य अवधि में विदेशी पोर्टफोलियो निवेश मद में 11.4 अरब डॉलर की शुद्ध आवक हुई, जबकि एक साल पहले यह 1.7 अरब डॉलर थी। भारत में बाह्य यानी विदेशों से वाणिज्यिक उधारी के तहत शुद्ध आवक 2.6 अरब डॉलर रही जो एक साल पहले 1.7 अरब डॉलर थी। आरबीआई ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष में पोर्टफोलियो निवेश में 44.1 अरब डॉलर का शुद्ध प्रवाह दर्ज किया गया, जबकि इसके एक साल पहले यह 5.2 अरब डॉलर था। इस तरह शुद्ध एफडीआई निवेश घटकर 9.8 अरब डॉलर रह गया जो वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान 28 अरब डॉलर रहा था।

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