mahakumb

बजट के बाद देश-विदेश में बढ़ गई मखाने की मांग, कीमतों में जबरदस्त उछाल

Edited By jyoti choudhary,Updated: 15 Feb, 2025 12:09 PM

demand for makhana increased after budget price increased

बजट में बिहार में मखाना बोर्ड की घोषणा के बाद इसकी मांग तेजी से बढ़ी है, जिससे कीमतों में जबरदस्त उछाल देखा जा रहा है। बीते 10 दिनों में मखाने के दाम लगभग 32% बढ़ चुकी है। इस दौरान मखाने की कीमत ₹950 प्रति किलो से बढ़कर ₹1,250 प्रति किलो हो

बिजनेस डेस्कः बजट में बिहार में मखाना बोर्ड की घोषणा के बाद इसकी मांग तेजी से बढ़ी है, जिससे कीमतों में जबरदस्त उछाल देखा जा रहा है। बीते 10 दिनों में मखाने के दाम लगभग 32% बढ़ चुकी है। इस दौरान मखाने की कीमत ₹950 प्रति किलो से बढ़कर ₹1,250 प्रति किलो हो गए हैं। व्यापारियों के मुताबिक देश और विदेश में बढ़ती मांग के चलते यह बढ़ोतरी हुई है। गौरतलब है कि भारत के कुल मखाना उत्पादन का 90% बिहार में होता है और सरकार का लक्ष्य इसके उत्पादन और बिक्री को बढ़ावा देना है।

इन देशों से मिल रहे ऑर्डर 

बजट के बाद से मखाने की मांग में काफी तेजी आई है। यूके, सिंगापुर, श्रीलंका और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों से भी ऑर्डर मिल रहे हैं। व्यापारियों के अनुसार देश के दक्षिणी राज्यों, महाराष्ट्र और गुजरात जैसे कम खपत वाले बाजारों में भी मखाने की मांग बढ़ रही है। बिहार के एक मखाना पैकर और होलसेलर मधुबनी मखाना के प्रवक्ता पी कुमार ने कहा, 'हमें अभी-अभी सिंगापुर के एक खरीदार से 900 किलो भुने हुए मखाने का ऑर्डर मिला है। मांग में अचानक आई तेजी से मखाने की कीमतें भी बढ़ गई हैं। बजट के बाद से मखाने को लेकर काफी चर्चा हो रही है क्योंकि वित्त मंत्री ने बजट में इस पर विशेष ध्यान दिया है।'

भारत में मखाने का उत्पादन

बिहार के मखाना व्यापारियों को उम्मीद है कि जिस तरह 2023 और 2024 में मिलेट्स की धूम रही, उसी तरह 2025 मखाने का साल होगा। बिहार के दस जिले देश के कुल मखाना उत्पादन का 90% से अधिक उत्पादन करते हैं। भारत में हर साल लगभग 10,000 टन मखाना पैदा होता है। मखाना पैकेजिंग कंपनी MOM-Meal of the Moment के सह-संस्थापक और CEO प्रतीक भागचंदका ने बताया कि पिछले एक हफ्ते में कई विदेशी ग्राहकों ने मखाने के बारे में पूछताछ की है।

उन्होंने कहा, 'हमें यूके से एक बड़ा ऑर्डर मिला है। बजट के बाद अंतरराष्ट्रीय समाचार माध्यमों ने भी मखाने पर काफी ध्यान दिया है। इससे विदेशों में रहने वाले भारतीयों के बीच भी मखाने को लेकर चर्चा बढ़ी है। इसलिए, हम देख रहे हैं कि ज्यादा लोग मखाने के बारे में जान रहे हैं या इसे फिर से अपना रहे हैं।'

मखाने की कीमतों में जल्द राहत की उम्मीद नहीं

व्यापारियों का कहना है कि मखाने की अगली फसल जुलाई में आएगी, जिससे पहले कीमतों में गिरावट की संभावना नहीं है। हालांकि, उत्पादन बढ़ने से आगे चलकर कीमतें स्थिर हो सकती हैं। पिछले 4-5 सालों में लगातार मखाने के दाम बढ़े हैं, जिसकी एक बड़ी वजह देश और विदेश में इसकी बढ़ती मांग है। कई स्टार्टअप्स ने इसे हेल्दी स्नैक के रूप में पैक कर मॉडर्न रिटेल और क्विक कॉमर्स के जरिए बेचना शुरू कर दिया है, जिससे इसकी लोकप्रियता और दाम दोनों बढ़ गए हैं।

2022 में मखाने को GI टैग मिला, जिसके बाद 2023 में इसकी मांग तेजी से बढ़ी। महामारी के बाद लोग स्वस्थ खानपान को लेकर अधिक जागरूक हुए, जिससे मखाने की बिक्री और कीमतों में उछाल आया। बिहार के समस्तीपुर स्थित मखाना सप्लायर 'तिरहुतवाला' के संस्थापक अभिनव झा के अनुसार, पहले उन्हें रोजाना करीब 50 कॉल आते थे लेकिन बजट के बाद यह संख्या तीन गुना हो गई है।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी मखाने की मांग बढ़ रही है। दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका से लगातार ऑर्डर मिल रहे हैं। कमोडिटी ब्रोकिंग फर्म यूनिवेस्ट के एसोसिएट डायरेक्टर (कमोडिटी रिसर्च) तरुण सत्संगी का कहना है कि मखाना बोर्ड की स्थापना से यह सेक्टर अधिक संगठित होगा, जिससे नए उद्यमियों के लिए भी अवसर बढ़ेंगे। 

Related Story

    Trending Topics

    Afghanistan

    134/10

    20.0

    India

    181/8

    20.0

    India win by 47 runs

    RR 6.70
    img title
    img title

    Be on the top of everything happening around the world.

    Try Premium Service.

    Subscribe Now!