Edited By jyoti choudhary,Updated: 06 Jun, 2024 03:19 PM
तांबा और एल्यूमीनियम सहित अलौह धातुओं की मांग चालू वित्त वर्ष 2024-25 में करीब 10 प्रतिशत रहने की संभावना है, जो वैश्विक मांग में दो प्रतिशत की अपेक्षित वृद्धि से काफी अधिक है। रेटिंग एजेंसी इक्रा के अनुसार, इसके अलावा कोयले की कीमत में कमी से कच्चे...
नई दिल्लीः तांबा और एल्यूमीनियम सहित अलौह धातुओं की मांग चालू वित्त वर्ष 2024-25 में करीब 10 प्रतिशत रहने की संभावना है, जो वैश्विक मांग में दो प्रतिशत की अपेक्षित वृद्धि से काफी अधिक है। रेटिंग एजेंसी इक्रा के अनुसार, इसके अलावा कोयले की कीमत में कमी से कच्चे माल की लागत का दबाव भी कुछ हद तक कम होने की संभावना है।
एजेंसी ने बयान में कहा, ‘‘घरेलू मोर्चे पर वित्त वर्ष 2024-25 में अलौह धातुओं की मांग करीब 10 प्रतिशत रहने की उम्मीद है, जो वैश्विक मांग में लगभग दो प्रतिशत की अपेक्षित वृद्धि से काफी अधिक है।'' इक्रा ने कहा, ‘‘कोयले पर घरेलू ई-नीलामी प्रीमियम हाल के महीनों में कम किया गया। अप्रैल 2024 में यह करीब 50 प्रतिशत था जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में करीब 150 प्रतिशत के अत्यधिक स्तर पर था।''
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि उसे उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2024-25 में मजबूत धातु कीमतें और कच्चे माल की अनुकूल लागत से घरेलू अलौह धातु इकाइयों की लाभप्रदता बढ़ सकती है। इक्रा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गिरीश कुमार कदम ने कहा, ‘‘कच्चे माल की लागत काफी हद तक नियंत्रण में रहने तथा प्राप्ति में अच्छी वृद्धि से घरेलू संस्थाओं का परिचालन मुनाफा वित्त वर्ष 2023-24 में करीब 17 प्रतिशत की तुलना में वित्त वर्ष 2024-25 में बढ़कर करीब 23 प्रतिशत रहने का अनुमान है।''