Edited By jyoti choudhary,Updated: 26 Aug, 2024 12:25 PM
इस बार के बजट में आयात शुल्क में कमी के चलते सोने की कीमतें हाल के दिनों में काफी गिरावट आई है। इसके बावजूद जनवरी से अब तक सोने ने सेंसेक्स-निफ्टी की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है। इस अवधि में जहां सेंसेक्स ने 12.5 प्रतिशत का मुनाफा दिया, वहीं...
बिजनेस डेस्कः इस बार के बजट में आयात शुल्क में कमी के चलते सोने की कीमतें हाल के दिनों में काफी गिरावट आई है। इसके बावजूद जनवरी से अब तक सोने ने सेंसेक्स-निफ्टी की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है। इस अवधि में जहां सेंसेक्स ने 12.5 प्रतिशत का मुनाफा दिया, वहीं निफ्टी ने 14 प्रतिशत का लाभ पहुंचाया। सोने ने 15 प्रतिशत और चांदी ने 11 प्रतिशत का रिटर्न दिया है।
आंकड़ों के अनुसार, 29 दिसंबर, 2023 को सोने की कीमत दिल्ली सर्राफा बाजार में 63,950 रुपए प्रति दस ग्राम थी। 23 अगस्त को यह बढ़कर 73,800 रुपए पर पहुंच गई यानी 15 प्रतिशत की बढ़त। हालांकि, 20 अगस्त को सोने की कीमतें 74,000 रुपए के पार थीं लेकिन हालिया आयात शुल्क में कमी के कारण कीमतों में गिरावट आई है। चांदी की कीमतें 78,500 रुपए प्रति किलो से बढ़कर 87,000 रुपए प्रति किलो हो गई हैं यानी 11 प्रतिशत की तेजी।
चांदी इस साल में 96,000 रुपए तक पहुंची है। इस स्तर से इसकी कीमतें करीब 9,000 रुपए घट गई हैं। उधर, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक सेंसेक्स 29 दिसंबर को 72,240 पर बंद हुआ था। अब यह 81,086 पर पहुंच गया है यानी 12.5 फीसदी का फायदा। इसी दौरान नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 21,731 से बढ़कर 24,823 पर पहुंच गया। इसमें 14 प्रतिशत की तेजी देखी गई है। विश्लेषकों का मानना है कि इस पूरे साल में शेयर बाजार के साथ सोने-चांदी में भी अच्छा रिटर्न मिलने की उम्मीद है। वैश्विक स्तर पर महंगाई के साथ ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद भी है। ऐसे में सोना जहां संकट के समय सुरक्षा का भरोसा देता है, वहीं आर्थिक गतिविधियों में तेजी से शेयर बाजार अच्छा रिटर्न देता है।
शुल्क घटने से बढ़ गई मांग
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक, आयात शुल्क में कटौती से देश में सोने की मांग में फिर से उछाल आया है। हाल में समाप्त हुए इंडिया इंटरनेशनल ज्वेलरी शो की रिपोर्ट से पता चलता है कि खुदरा विक्रेताओं की ओर से ऑर्डर बुकिंग में काफी वृद्धि हुई है, खासकर आगामी त्योहार और शादी के सीजन की तैयारी में।
छड़ व सिक्के की ज्यादा खरीद
छड़ और सिक्के की खरीद में भी तेजी बनी है। ग्राहक और जूलर्स दोनों भविष्य की जरूरतों के लिए सस्ते भाव पर सोने का भंडार जमा कर रहे हैं। चालू वर्ष की दूसरी छमाही यानी जुलाई से दिसंबर के बीच सोने की अतिरिक्त 50 टन या उससे अधिक खरीदी का अनुमान है।