Edited By jyoti choudhary,Updated: 12 Sep, 2024 06:15 PM
चीन का लहसुन जो 2014 से ही भारत में प्रतिबंधित है, अब तस्करी के जरिए मार्केट में आ चुका है। उस पर प्रतिबंध इसलिए लगाया गया कि वह सेहत के लिए खतरनाक है। वजह ये कि उसमें कीटनाशकों का उच्च स्तर होता है। उसके फंगसयुक्त होने का भी डर था, इसलिए बैन लगा...
बिजनेस डेस्कः चीन का लहसुन जो 2014 से ही भारत में प्रतिबंधित है, अब तस्करी के जरिए मार्केट में आ चुका है। उस पर प्रतिबंध इसलिए लगाया गया कि वह सेहत के लिए खतरनाक है। वजह ये कि उसमें कीटनाशकों का उच्च स्तर होता है। उसके फंगसयुक्त होने का भी डर था, इसलिए बैन लगा लेकिन देसी लहसुन से काफी सस्ता होने की वजह से अवैध तरीके बाजार में उतारा जा रहा है।
प्रतिबंध के बावजूद चीन के लहसुन की भारत में बिक्री का खुलासा तब हुआ जब गुजरात के राजकोट में चीन लहसुन के 30 बैग मिले। ये लहसुन गोंडल के एग्रीकल्चर मार्केट प्रोड्यूस कमिटी (ए.पी.एम.सी.) में मिले जिसके बाद वहां हंगामा मच गया। व्यापारियों ने प्रतिबंधित चीनी लहसुन मिलने के विरोध में गोंडल ए.पी.एम.सी. में ऑक्शन रोक दिया।
मार्कीट में चीनी लहसुन की गैरकानूनी तरीके से सप्लाई के खिलाफ 1 दिन का प्रोटैस्ट भी किया। इस लहसुन की तस्करी इसलिए होती है कि ये देसी लहसुन से काफी सस्ता है और इसे अच्छे मार्जिन पर बेचकर अच्छा-खासा मुनाफा कमाया जा सकता है। लेकिन ये लोगों की सेहत के साथ बड़ा खिलवाड़ है। व्यापारियों के विरोध-प्रदर्शन के बाद गुजरात सरकार ने पूरे राज्य के बाजारों की जांच करने के आदेश दिए हैं कि वहां कहीं अवैध तरीके से चीनी लहसुन की सप्लाई तो नहीं की गई है।
नेपाल के रास्ते हो रही एंट्री
इस लहसुन की एंट्री नेपाल बार्डर के रास्ते हो रही है। चीन दुनिया का सबसे बड़ा लहसुन उत्पादक है। दिल्ली के बाजारों में बिक रहे चीनी लहसुन के बारे में सूत्रों का कहना है कि जब से देशी लहसुन महंगा हुआ है तब से चीनी लहसुन का कारोबार बढ़ गया है।
सूत्र बताते हैं कि थोक मंडी में चीनी लहसुन के आने के बजाय यह छोटी मंडियों तक पहुंच रहा है और वहां से लोगों के घरों तक पहुंच रहा है। वहीं दूसरी ओर आजादपुर थोक मंडी के कारोबारियों के संगठन वैजिटेबल ट्रेडर्स एसोसिएशन के महासचिव अनिल मल्होत्रा कहते हैं कि नियमों के साथ थोक मंडी में आने वाले अफगानिस्तानी लहसुन विक्रेताओं को अधिकारी परेशान ही नहीं कर रहे हैं बल्कि पकड़ लेते हैं और उन्हें जेल की हवा खानी पड़ती है, जबकि अफगानिस्तान से आने वाला लहसुन दोनों सरकारों के साथ हुए एग्रीमैंट के तहत भारत आ रहा है।