चुनाव प्रचार चरम पर होने के बावजूद डीजल की बिक्री घटी, पेट्रोल की खपत लगभग स्थिर

Edited By jyoti choudhary,Updated: 16 May, 2024 03:02 PM

despite the election campaign being at its peak diesel sales

भारत में आम चुनाव के लिए प्रचार चरम पर होने के बावजूद मई के पहले पखवाड़े में डीजल की बिक्री में गिरावट आई, जबकि पेट्रोल की खपत लगभग स्थिर रही। सार्वजनिक क्षेत्री की कंपनियों की ओर से जारी प्रारंभिक आंकड़ों में यह बात सामने आई। आम चुनाव के प्रचार के...

नई दिल्लीः भारत में आम चुनाव के लिए प्रचार चरम पर होने के बावजूद मई के पहले पखवाड़े में डीजल की बिक्री में गिरावट आई, जबकि पेट्रोल की खपत लगभग स्थिर रही। सार्वजनिक क्षेत्री की कंपनियों की ओर से जारी प्रारंभिक आंकड़ों में यह बात सामने आई। आम चुनाव के प्रचार के कारण परंपरागत रूप से ईंधन की मांग में वृद्धि हुई है क्योंकि उम्मीदवार मतदाताओं तक पहुंचने के लिए बड़े पैमाने पर मोटर वाहन का इस्तेमाल करते हैं, हालांकि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के बिक्री आंकड़े कुछ ओर बयां करते हैं।

पेट्रोल बिक्री मई के पहले पखवाड़े में 13.67 लाख टन रही

आंकड़ों के अनुसार, ईंधन बाजार के 90 प्रतिशत हिस्से को नियंत्रित करने वाली तीन सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की पेट्रोल बिक्री मई के पहले पखवाड़े में 13.67 लाख टन रही। यह पिछले साल की समान अवधि में 13.6 लाख टन खपत के लगभग बराबर रही। हालांकि, मासिक आधार पर खपत 11 प्रतिशत बढ़ी।

मई के पहले पखवाड़े में डीजल की बिक्री 1.1% घटी

देश में सबसे ज्यादा खपत वाले ईंधन डीजल की एक से 15 मई के दौरान बिक्री 1.1 प्रतिशत घटकर 32.8 लाख टन रही। इसकी खपत में अप्रैल में 2.3 प्रतिशत और मार्च में 2.7 प्रतिशत गिरावट आई थी। चुनाव प्रचार के अलावा, फसल कटाई का मौसम और तेज गर्मी का मौसम आने से कार में एयर कंडीशनिंग अधिक चलाया जाता है जिससे ईंधन की खपत में वृद्धि होनी चाहिए।

मार्च में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में हुई थी दो रुपए प्रति लीटर की कटौती

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में मार्च के मध्य में दो-दो रुपये प्रति लीटर की कटौती की गई थी। यह दो साल में पहला मौका था जब कीमतों में बदलाव हुआ था। अगर मासिक आधार पर देखें तो एक से 15 अप्रैल में 12.3 लाख टन खपत की तुलना में बिक्री 11 प्रतिशत अधिक रही।

मासिक आधार पर डीजल की मांग 4% अधिक रही

अप्रैल के पहले पखवाड़े की तुलना में 31.5 लाख टन के मुकाबले डीजल की मांग मासिक आधार पर चार प्रतिशत अधिक रही। डीजल भारत में सबसे अधिक खपत वाला ईंधन है, जो सभी पेट्रोलियम उत्पादों की खपत का लगभग 40 प्रतिशत है। देश में कुल डीजल बिक्री में परिवहन क्षेत्र की हिस्सेदारी 70 प्रतिशत है। यह हार्वेस्टर और ट्रैक्टर सहित कृषि क्षेत्रों में उपयोग किया जाने वाला प्रमुख ईंधन है।

विमान ईंधन (ATF) की मांग 4.1% बढ़ी

विमान ईंधन की मांग एक से 15 मई 2024 के दौरान सालाना आधार पर 4.1 प्रतिशत बढ़कर 3,14,200 टन हो गई। हालांकि एक से 15 अप्रैल में 3,45,800 टन की तुलना में यह मासिक आधार पर यह 9.1 प्रतिशत कम है। आंकड़ों के अनुसार, रसोई गैस एलपीजी की बिक्री एक से 15 मई के बीच सालाना आधार पर 1.1 प्रतिशत घटकर 12.1 लाख टन हो गई। वहीं एक से 15 अप्रैल के दौरान एलपीजी की 12.17 लाख टन खपत के मुकाबले यह 0.6 प्रतिशत कम है।

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