Edited By jyoti choudhary,Updated: 21 Jan, 2025 04:06 PM
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हीरा अपनी अद्वितीय चमक, कठोरता और दुर्लभता के लिए जाना जाता है। इसका उपयोग मुख्य रूप से आभूषणों और रत्नों के रूप में किया जाता है। इसकी खूबसूरती और दुर्लभता के कारण ही इसकी कीमत बेहद ऊंची होती है लेकिन हाल के वर्षों में हीरे की कीमतों में तेजी से...
बिजनेस डेस्कः हीरा अपनी अद्वितीय चमक, कठोरता और दुर्लभता के लिए जाना जाता है। इसका उपयोग मुख्य रूप से आभूषणों और रत्नों के रूप में किया जाता है। इसकी खूबसूरती और दुर्लभता के कारण ही इसकी कीमत बेहद ऊंची होती है लेकिन हाल के वर्षों में हीरे की कीमतों में तेजी से गिरावट आई है। पिछले पांच सालों में हीरे की कीमत में 27% की गिरावट दर्ज की गई है, जो इसे 25 साल के न्यूनतम स्तर पर ले आई है। वहीं, सोने की कीमत में 84% की वृद्धि हुई है और यह ऐतिहासिक ऊंचाई पर बना हुआ है।
2022 से अब तक हीरे की कीमत में 46% की गिरावट देखी गई है। इसके पीछे कई कारण हैं, जिनमें लैब-ग्रोन डायमंड्स की बढ़ती लोकप्रियता, महंगाई, और आर्थिक मंदी शामिल हैं। आइए, जानते हैं कि क्यों हीरे की कीमतें गिर रही हैं और लोग क्यों इनसे दूर हो रहे हैं।
हीरे की कीमत में गिरावट की सबसे बड़ी वजह लैब-ग्रोन डायमंड्स की बढ़ती लोकप्रियता है। असली हीरे जैसा दिखने वाला यह हीरा कीमत के मामले में रियल डायमंड के 10% के बराबर भी नहीं है। अगर कोई असली हीरा 10 लाख में मिल रहा है तो लैब-ग्रोन डायमंड्स महज 40 से 60 हजार रुपए में मिल जाता है। साथ ही इसके चोरी होने या खो जाने पर ज्यादा नुकसान नहीं होता है। यह वजह है कि लोग अब असली हीरे से परहेज कर रहे हैं और लैब ग्रोन हीरों के पसंद कर रहे हैं। लैब ग्रोन डायमंड को लैबोरेटरी में बनाया जाता है। ये 1 से 4 सप्ताह में तैयार हो जाते हैं। इनकी बनावट, चमक, कलर, कटिंग, डिजाइन एकदम प्राकृतिक हीरे जैसी होती है और इसकी बिक्री भी बाकायदा सर्टिफिकेट के साथ की जाती है।
हीरे से परहेज क्यों
साथ ही महंगाई बढ़ने से लोग हीरे जैसे लग्जरी आइटम्स से परहेज कर रहे हैं। चीन के लग्जरी मार्केट का संकट भी हीरे पर भारी पड़ रहा है। इसके अलावा हीरे की रीसेल वैल्यू भी कम होती है। इसके अलावा कई देशों में महंगाई और आर्थिक मंदी के कारण हीरे की मांग में भारी कमी आई है। साथ ही कई देशों में तनाव के कारण लोग निवेश के लिए हीरे की जगह सोना चुन रहे हैं। सोने की कीमत में पिछले पांच साल में 84 फीसदी का इजाफा हुआ है। पिछले साल कई मौकों पर यह ऑल-टाइम हाई पर पहुंचा था।