Edited By jyoti choudhary,Updated: 20 Jul, 2024 01:56 PM
बेहतर मानसूनी बारिश के कारण चालू खरीफ मौसम (ग्रीष्मकालीन बुआई) में अब तक धान का रकबा 7% बढ़कर 166.06 लाख हेक्टेयर हो गया। कृषि मंत्रालय के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। पिछले साल 19 जुलाई तक धान की बुवाई 155.65 लाख हेक्टेयर में हुई थी। कृषि विभाग...
बिजनेस डेस्कः बेहतर मानसूनी बारिश के कारण चालू खरीफ मौसम (ग्रीष्मकालीन बुआई) में अब तक धान का रकबा 7% बढ़कर 166.06 लाख हेक्टेयर हो गया। कृषि मंत्रालय के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। पिछले साल 19 जुलाई तक धान की बुवाई 155.65 लाख हेक्टेयर में हुई थी। कृषि विभाग ने 19 जुलाई 2024 तक खरीफ फसलों के तहत खेती के रकबे में हुई बढ़ोतरी के आंकड़े जारी किए।
दलहन का रकबा बढ़ा, मोटे अनाज का घटा
आंकड़ों के अनुसार, दलहन का रकबा बढ़कर 85.79 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो पिछले सत्र में 70.14 लाख हेक्टेयर था। हालांकि, मोटे अनाज की बुवाई का रकबा एक साल पहले के 134.91 लाख हेक्टेयर के मुकाबले कम यानी 123.72 लाख हेक्टेयर है।
सोयाबीन का रकबा बढ़ा
गैर-खाद्य श्रेणी में तिलहनों का रकबा इस खरीफ बुवाई सत्र में अब तक 163.11 लाख हेक्टेयर है, जो पिछले साल इसी अवधि में 150.91 लाख हेक्टेयर था। तिलहनों में सोयाबीन का रकबा 108.97 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 119.04 लाख हेक्टेयर हो गया है।
कपास के रकबे में गिरावट
कपास का रकबा इस खरीफ मौसम में अब तक पहले के 105.66 लाख हेक्टेयर के मुकाबले घटकर 102.05 लाख हेक्टेयर रह गया है। कुल मिलाकर, सभी खरीफ फसलों के लिए कुल रकबा चालू खरीफ बुवाई मौसम में 19 जुलाई तक बढ़कर 704.04 लाख हेक्टेयर हो गया है, पिछले साल इसी अवधि में यह 680.36 लाख हेक्टेयर था।
भारत घरेलू मांग को पूरा करने के लिए खाद्य तेलों और दालों का आयात करता है अगर कटाई तक मौसम की स्थिति अनुकूल बनी रही तो दलहन और तिलहन फसलों का अधिक रकबा होने से बंपर उत्पादन हो सकता है।