Edited By jyoti choudhary,Updated: 31 Dec, 2024 01:23 PM
साल 2024 के आखिरी दिन शेयर बाजार में गिरावट का सिलसिला जारी है। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स करीब 700 अंक टूटकर और निफ्टी लगभग 180 अंक गिरकर 23,500 के नीचे चला गया। सबसे ज्यादा दबाव आईटी शेयरों में देखने को मिला, जिससे निवेशकों के करीब 3.5 लाख करोड़...
बिजनेस डेस्कः साल 2024 के आखिरी दिन शेयर बाजार में गिरावट का सिलसिला जारी है। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स करीब 700 अंक टूटकर और निफ्टी लगभग 180 अंक गिरकर 23,500 के नीचे चला गया। सबसे ज्यादा दबाव आईटी शेयरों में देखने को मिला, जिससे निवेशकों के करीब 3.5 लाख करोड़ रुपए डूब गए। बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप घटकर 437.82 लाख करोड़ रुपए पर आ गया, जो पिछले सत्र में 441.35 लाख करोड़ रुपए था। ब्रॉडर मार्केट में भी भारी बिकवाली दिखी। सुबह 10:20 बजे के करीब बीएसई मिडकैप इंडेक्स 0.81% और स्मॉलकैप इंडेक्स 0.38% की गिरावट पर थे। कैपिटल गुड्स को छोड़कर बीएसई के सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में कारोबार कर रहे थे, जिसमें आईटी इंडेक्स ढाई फीसदी से ज्यादा गिरा।
शेयर बाजार में आज की गिरावट के पीछे ये 3 कारण अहम रहे....
विदेशी निवेशकों की बिकवाली
मार्केट एनालिस्ट्स का कहना है कि शेयर बाजार में आज की गिरावट के पीछे सबसे मुख्य वजह विदेशी निवेशकों (FIIs) की ओर से बिकवाली है। विदेशी निवेशकों पिछले 2 हफ्तों से लगातार भारतीय बाजार से पैसा निकाल रहे हैं। इस दौरान उन्होंने 15,000 करोड़ रुपए से भी अधिक की बिकवाली की है। मोतीलाल ओसवाल में टेक्निकल रिसर्च के वाइस-प्रेसिडेंट, रूचित जैन ने बताया, ' FII ने शॉर्ट साइड पर पोजीशन रोलओवर की है, जिसके चलते बिकवाली देखने को मिली है। मौजूदा डेरिवेटिव सीरीज में, उन्होंने केवल 14 प्रतिशत के लॉन्ग-शॉर्ट रेशियो के साथ शुरुआत की है, जो उनके बेयरिश रुख को दिखाता है।'
कमजोर ग्लोबल संकेत
एशिया-पैसिफिक इलाके में आने वाले अधिकतर देशों के शेयर बाजार मंगलवार को नए साल की पूर्व संध्या की छुट्टी के कारण बंद रहे। वहीं ऑस्ट्रेलियाई बाजार साल के अंतिम कारोबारी दिन गिरावट के साथ खुले। संक्षिप्त कारोबारी दिन पर S&P/ASX 200 में 0.56% की गिरावट दर्ज की गई। जापान और दक्षिण कोरिया के बाजार छुट्टी के कारण बंद थे, जबकि हांगकांग में कुछ समय के लिए कारोबारी सत्र रहा। इस बीच, मंगलवार को चीन की नवंबर फैक्ट्री गतिविधियों में ग्रोथ एनालिस्ट्स के अनुमानों से कमजोर रही। वहीं इससे पहले सोमवार को अमेरिकी शेयर बाजार भी कमजोरी के साथ बंद हुए थे। इसके चलते भी निवेशकों का सेंटीमेंट कमजोर रहा।
डॉलर इंडेक्स में मजबूती
रूचित जैन ने बताया कि डॉलर इंडेक्स का 108 के आसपास मंडराना चिंता का विषय बना हुआ है। ऐतिहासिक रूप से यह स्तर रेजिस्टेंज के रूप में काम करता रहा है लेकिन इससे ऊपर कोई भी उछाल भारत सहित तमाम इमर्जिंग देशों के मार्केट्स पर नकारात्मक असर डाल सकती है।