Edited By jyoti choudhary,Updated: 12 Jul, 2024 01:38 PM
केंद्र सरकार सीमा शुल्क से जुड़ी असमानताएं दूर करने के लिए आम बजट में सीमा शुल्क नियमों में कई बदलाव करने का प्रस्ताव रख सकती है। इसका मकसद कुछ खास छूट जारी रखना और अनुपालन बढ़ाना भी होगा। मामले पर चल रही चर्चा की जानकारी रखने वाले दो अधिकारियों ने...
बिजनेस डेस्कः केंद्र सरकार सीमा शुल्क से जुड़ी असमानताएं दूर करने के लिए आम बजट में सीमा शुल्क नियमों में कई बदलाव करने का प्रस्ताव रख सकती है। इसका मकसद कुछ खास छूट जारी रखना और अनुपालन बढ़ाना भी होगा। मामले पर चल रही चर्चा की जानकारी रखने वाले दो अधिकारियों ने बताया कि देश में विनिर्माण को बढ़ावा देने, झंझट के बगैर उचित अनुपालन पक्का करने और कर चोरी पर लगाम कसने के लिए सीमा शुल्क में कुछ जरूरी उपायों पर विचार-विमर्श किया गया है।
आधिकारिक सूत्रों ने संकेत दिया कि केंद्र राजस्व चोरी पर लगाम कसने के इरादे से आयातकों के लिए इलेक्ट्रॉनिक बैंक गारंटी या ई-बैंक गारंटी शुरू करने की योजना बना रहा है। कुछ वस्तुओं पर शुल्क माफी जारी रखने और देसी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए चिकित्सा उपकरण तथा कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी कुछ वस्तुओं पर सीमा शुल्क की दरें बदलने की भी योजना है। शुल्क वापस यानी रिफंड करने की प्रक्रिया तथा शुल्कों की विनिमय दरों की सूचना देने में लगने वाला समय कम करने से जुड़े उपायों पर भी बात की गई है।
यदि सीमा शुल्क की रकम में अंतर होता है तो जो रकम जमा की जानी चाहिए उसके बराबर बैंक गारंटी अधिकारी मांगते हैं। गारंटी मिलने पर ही खेप को अस्थायी तौर पर मंजूरी दी जाती है। एक अधिकारी ने कहा कि फिलहाल कागजी बैंक गारंटी का ज्यादा इस्तेमाल होता है, जिस पर नजर रखना अधिकारियों के लिए चुनौती भरा होता है। इस वजह से सरकार को राजस्व में तगड़ा चूना लग जाता है।
अधिकारी ने समझाया, ‘अगर किसी व्यापारी से घटी हुई दर पर शुल्क लिया गया और बाद में पता चला कि असल में ज्यादा शुल्क लिया जाना था तो उसे सरकार को रकम देनी होती है। कागजी बैंक गारंटी के कारण यह रकम अक्सर डूब जाती है और सीमा शुल्क अधिकारी इसकी वसूली नहीं कर पाते।’ आयातकों के लिए भी बैंक गारंटी पाना आसान नहीं होता। उन्होंने कहा कि बैंक अवधि, आयातक की जोखिम रेटिंग और रकम आदि के हिसाब से बैंक गारंटी जारी करने के लिए प्रोसेसिंग शुल्क लेते हैं।
इस बारे में जानकारी पाने के लिए केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) को ईमेल भेजा गया। लेकिन खबर लिखने तक उसका कोई जवाब नहीं आया। यह कदम अधिकारियों को हो रही कई तरह की दिक्कतों के बाद उठाया जा रहा है। इनमें बैंक गारंटी एक्सपायर होना, गलत फॉर्मैट में गारंटी आना, उसमें जरूरी शर्तें नहीं होना, बैंक गारंटी रद्द होने का आदेश बैंक तक नहीं पहुंचना या आयातक द्वारा शर्तें तोड़े जाने पर भी इसका इस्तेमाल नहीं हो पाने जैसी दिक्कतें शामिल हैं।
सीबीआईसी ने सीमा शुल्क अधिकारियों को कई निर्देश जारी कर यह जांचने के लिए कहा है कि बैंक गारंटी असली है या नहीं। साथ ही बैंक गारंटी का रिकॉर्ड रखने के लिए भी कहा गया है ताकि राजस्व की चोरी न हो पाए।