Edited By jyoti choudhary,Updated: 14 Sep, 2022 06:08 PM
घरेलू इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग में 2030 तक दोपहिया और तिपहिया वाहनों की बिक्री तेजी से बढ़ने की उम्मीद है। इस श्रेणी के तहत कुल बिक्री में इलेक्ट्रिक दोपहिया और तिपहिया वाहनों की हिस्सेदारी क्रमश: 50 और 70 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। एक रिपोर्ट में यह
नई दिल्लीः घरेलू इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग में 2030 तक दोपहिया और तिपहिया वाहनों की बिक्री तेजी से बढ़ने की उम्मीद है। इस श्रेणी के तहत कुल बिक्री में इलेक्ट्रिक दोपहिया और तिपहिया वाहनों की हिस्सेदारी क्रमश: 50 और 70 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। एक रिपोर्ट में यह कहा गया है। वाहन कलपुर्जा विनिर्माता संघ (एसीएमए) और मैकिंजी की संयुक्त रूप से तैयार रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में यात्री या भारी वाणिज्यिक वाहनों की तुलना में बिजली से चलने वाली दोपहिया और तिपहिया वाहनों की कुल लागत अधिक आकर्षक होने की संभावना है।
रिपोर्ट के मुताबिक, एसीएमए के 62वें वार्षिक सत्र से इतर यहां जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2030 तक नए इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री 50 प्रतिशत और तिपहिया वाहनों की बिक्री 70 प्रतिशत तक बढ़ सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि विद्युतीकरण की धीमी रफ्तार की वजह से भारतीय यात्री और भारी वाणिज्यिक वाहन खंड में परंपरागत ईंजन (पेट्रोल और डीजल) का दबदबा कायम रहेगा। रिपोर्ट के अनुसार, 2030 तक कुल वाहन बिक्री में इलेक्ट्रिक यात्री वाहनों की हिस्सेदारी 10-15 प्रतिशत और भारी वाणिज्यिक वाहनों की हिस्सेदारी पांच से 10 प्रतिशत की होगी।