Edited By Mahima,Updated: 02 Nov, 2024 02:54 PM
अक्टूबर 2024 में भारत की बिजली खपत 140.47 बिलियन यूनिट तक पहुंच गई, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग एक प्रतिशत की वृद्धि है। इस महीने पीक पावर डिमांड 219.22 गीगावॉट रही, जो पिछले साल के 221.53 गीगावॉट से कम है। विशेषज्ञों का कहना है कि उच्च तापमान...
नेशनल डेस्क: भारत में बिजली की खपत अक्टूबर 2024 में पिछले साल की तुलना में लगभग एक प्रतिशत की वृद्धि के साथ 140.47 बिलियन यूनिट (बीयू) तक पहुँच गई है। यह वृद्धि मुख्यतः पिछले साल के मुकाबले उच्च आधार प्रभाव के कारण है। अक्टूबर 2023 में बिजली की खपत 139.44 बिलियन यूनिट रही थी, जो कि अक्टूबर 2022 में 113.94 बिलियन यूनिट थी।
पिछले साल की तुलना में खपत में वृद्धि
अक्टूबर 2022 में बिजली की खपत में 22 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई थी, जो इस साल अक्टूबर में भी देखने को मिली है। इस साल की खपत में मामूली बढ़ोतरी हुई है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि बाजार में बिजली की मांग स्थिर बनी हुई है।
पीक पावर डिमांड का आंकड़ा
इस दौरान, अक्टूबर 2024 में पीक पावर डिमांड 219.22 गीगावॉट रही, जो कि पिछले साल की इसी महीने की 221.53 गीगावॉट से थोड़ी कम है। मई 2023 में पावर डिमांड लगभग 250 गीगावॉट तक पहुंची थी, जो कि अब तक का उच्चतम स्तर है। सितंबर 2023 में 243.27 गीगावॉट की पीक बिजली मांग भी दर्ज की गई थी।
मौसम का प्रभाव
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2024 कई दशकों में सबसे गर्म महीना रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि बिजली की मांग और खपत में हुई वृद्धि का मुख्य कारण उच्च तापमान है। विशेषकर उत्तरी भारत में, जहां गर्मियों में एयर कंडीशनर और कूलिंग उपकरणों का उपयोग बढ़ जाता है, वहां बिजली की खपत में उछाल देखा गया।
भविष्य की संभावनाएँ
हालांकि, अक्टूबर में पीक बिजली मांग में कमी से यह भी स्पष्ट होता है कि सर्दियों का मौसम आने वाला है। इस मौसम में बिजली की खपत में कमी आ सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में अच्छी वाणिज्यिक और औद्योगिक गतिविधियों के कारण बिजली की मांग और खपत में स्थिरता बनी रहेगी।
मंत्रालय के अनुमान
बिजली मंत्रालय ने पहले ही इस वर्ष की गर्मियों के लिए पीक बिजली मांग के आंकड़े पेश किए थे। मई के लिए मंत्रालय ने दिन के दौरान 235 गीगावॉट और शाम के समय 225 गीगावॉट की पीक बिजली मांग का अनुमान लगाया था, जबकि जून के लिए यह आंकड़ा 240 गीगावॉट और 235 गीगावॉट रहा। आने वाले समय में, मौसम में बदलाव के साथ बिजली की खपत पर भी असर पड़ेगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि कैसे विभिन्न उद्योगों की गतिविधियों के कारण बिजली की मांग प्रभावित होती है।