Edited By jyoti choudhary,Updated: 13 Feb, 2025 12:52 PM
सरकार लगातार मिडिल क्लास को आर्थिक राहत देने के लिए अहम फैसले ले रही है। बजट 2025 में इनकम टैक्स में छूट और रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा ब्याज दरों में कटौती के बाद अब नौकरीपेशा लोगों की निगाहें कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की ब्याज दरों पर टिकी...
बिजनेस डेस्कः सरकार लगातार मिडिल क्लास को आर्थिक राहत देने के लिए अहम फैसले ले रही है। बजट 2025 में इनकम टैक्स में छूट और रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा ब्याज दरों में कटौती के बाद अब नौकरीपेशा लोगों की निगाहें कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की ब्याज दरों पर टिकी हैं।
सरकार जल्द ले सकती है बड़ा फैसला
मिडिल क्लास और सैलरीड क्लास के करोड़ों कर्मचारियों को राहत देने के लिए सरकार EPFO की ब्याज दरों में बढ़ोतरी पर विचार कर रही है। अगर ब्याज दरें बढ़ती हैं, तो पीएफ पर जमा राशि पर अधिक रिटर्न मिलेगा, जिससे कर्मचारियों की बचत को सीधा फायदा होगा। पीएफ खाता नौकरीपेशा लोगों के लिए दीर्घकालिक बचत का एक महत्वपूर्ण जरिया है। इस पर सरकार हर साल ब्याज देती है, जिससे लोगों को रिटायरमेंट के लिए अच्छी पूंजी मिलती है। ऐसे में ब्याज दरों में संभावित बढ़ोतरी से कर्मचारियों को राहत मिलने की उम्मीद है।
बोर्ड मीटिंग में हो सकता है बड़ा ऐलान
प्रोविडेंट फंड से संबंधित सभी फैसले EPFO लेता है, ऐसे में अब सबकी निगाहें EPFO की अगली बोर्ड मीटिंग पर है, जो 28 फरवरी को होनी है। उम्मीद की जा रही है कि इस मीटिंग में ब्याज दरों को बढ़ाने पर संभावित फैसला लिया जा सकता है।
EPFO पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी की अटकलें
सरकार पिछले दो सालों से कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर रही है जिससे नौकरीपेशा लोगों को सीधा फायदा मिला है। 2022-23 में पीएफ पर ब्याज दर बढ़ाकर 8.15% किया गया था, जबकि 2023-24 में इसे और बढ़ाकर 8.25% कर दिया गया। फिलहाल EPFO खाताधारकों को 8.25% ब्याज मिल रहा है।
इस साल कितना बढ़ सकता है ब्याज?
हालांकि, सरकार ने अभी तक ब्याज दरों में बढ़ोतरी को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन चर्चाएं तेज हैं। सूत्रों के अनुसार, इस बार ब्याज दरों में 0.10% की बढ़ोतरी हो सकती है। यदि ऐसा हुआ, तो EPFO की ब्याज दर बढ़कर 8.35% हो जाएगी, जिससे करोड़ों कर्मचारियों को सीधा लाभ मिलेगा।
सरकार की इस संभावित बढ़ोतरी से मिडिल क्लास और सैलरीड क्लास की बचत में इजाफा होगा और भविष्य की वित्तीय सुरक्षा मजबूत होगी।