Edited By jyoti choudhary,Updated: 02 Jul, 2024 12:43 PM
देश में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की बिक्री में मई के मुकाबले जून के महीने में 14 प्रतिशत की तीव्र गिरावट देखी गई। विशेषज्ञों का कहना है कि सरकारी नीतियों में बदलाव और हाइब्रिड वाहनों के प्रति लोगों की बढ़ती रुचि जैसे कारकों की वजह से ऐसा हो सकता है।...
नई दिल्लीः देश में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की बिक्री में मई के मुकाबले जून के महीने में 14 प्रतिशत की तीव्र गिरावट देखी गई। विशेषज्ञों का कहना है कि सरकारी नीतियों में बदलाव और हाइब्रिड वाहनों के प्रति लोगों की बढ़ती रुचि जैसे कारकों की वजह से ऐसा हो सकता है। अलबत्ता जून 2024 की यह बिक्री पिछले साल के इसी महीने की तुलना में 20 प्रतिशत से अधिक रही। तब सब्सिडी में सरकारी बदलावों के कारण बिक्री में गिरावट आई थी।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के ‘वाहन’ के आंकड़ों के अनुसार जून 2024 में ईवी की बिक्री मई में की गई 1,23,704 ईवी बिक्री की तुलना में 14 प्रतिशत से भी ज्यादा घटकर 1,06,081 रह गई। यह इस कैलेंडर वर्ष में बिक्री की सबसे कम संख्या है। इस साल अब तक करीब 8,39,545 इलेक्ट्रिक वाहन बेचे गए हैं जो कुल बिके 1,25,41,684 वाहनों का करीब 6.69 प्रतिशत है।
एनआरआई कंसल्टिंग ऐंड सॉल्यूशंस के केस और वैकल्पिक इंजन के विशेषज्ञ प्रीतेश सिंह ने कहा, ‘ई-दोपहिया वाहनों के लिए कम प्रोत्साहन, हाइब्रिड में उपभोक्ताओं का बढ़ता विश्वास, चार्जिंग के दमदार बुनियादी ढांचे की कमी और ईवी के अधिक दाम, ये सब ईवी की बिक्री को प्रभावित कर रहे हैं।’
ईवी के मामले में इस साल और पिछले साल जून सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला महीना रहा है। हालांकि जून 2024 में बड़ा सुधार नजर आया जिसमें 1,23,704 वाहनों का पंजीकरण किया गया जो जून 2023 में पंजीकृत 1,02,645 वाहनों की तुलना में 20.52 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
पिछले साल इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए अधिकतम सब्सिडी को लगभग 60,000 रुपए से घटाकर लगभग 22,500 रुपए करने के केंद्र सरकार के फैसले की वजह से ईवी की बिक्री में गिरावट आई थी। इस कदम से ई-दोपहिया वाहनों की औसत कीमत में 20 प्रतिशत से ज्यादा का इजाफा हो गया जो आम तौर पर 80,000 से 1,50,000 रुपए के बीच होती है।