Edited By jyoti choudhary,Updated: 23 Jul, 2024 09:28 AM
मोदी सरकार 3.0 के पहले आम बजट से सभी वर्ग के लोगों को खासी उम्मीदें हैं। देश की अर्थव्यवस्था रॉकेट की रफ्तार से बढ़ रही है। केंद्र में भाजपा को पूर्ण बहुमत नहीं मिलने से बदली राजनीतिक परिस्थितियों में इस साल विशेषज्ञों को लोकलुभावन घोषणाएं होने की...
बिजनेस डेस्कः मोदी सरकार 3.0 के पहले आम बजट से सभी वर्ग के लोगों को खासी उम्मीदें हैं। देश की अर्थव्यवस्था रॉकेट की रफ्तार से बढ़ रही है। केंद्र में भाजपा को पूर्ण बहुमत नहीं मिलने से बदली राजनीतिक परिस्थितियों में इस साल विशेषज्ञों को लोकलुभावन घोषणाएं होने की उम्मीद है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संकेत दे चुकी हैं कि बजट में महिलाओं, किसानों और ग्रामीण क्षेत्रों पर जोर रह सकता है। कर्मचारी से लेकर कारोबारी और विद्यार्थी समेत हर वर्ग के लोग बजट से राहत की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
निर्मला सीतारमण मंगलवार को सातवीं बार बजट पेश करेंगी। माना जा रहा है कि इस बार करदाताओं को कई तरह की राहत दी जा सकती हैं। टैक्स छूट से लेकर इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव किया जा सकता है। लोगों की मांग है कि इनकम टैक्स की धारा 80सी में दी जाने वाली कटौती सीमा 1.5 लाख से बढ़ाकर दो लाख रुपए कर दी जाए।
माना जा रहा है कि इस बार करदाताओं को कई तरह की राहत दी जा सकती है। टैक्स छूट से लेकर इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव किया जा सकता है। लोगों की मांग है कि इनकम टैक्स की धारा 80सी में दी जाने वाली कटौती सीमा 1.5 लाख से बढ़ाकर दो लाख रुपए कर दी जाए। साथ ही टैक्स स्लैब में भी बदलाव होने चाहिए। नई और पुरानी, दोनों तरह की टैक्स व्यवस्थाओं में बेसिक छूट की लिमिट बढ़ाकर पांच लाख रुपए करने की मांग है। नई व्यवस्था में एचआरए पर टैक्स छूट के साथ या होम लोन के व्याज पर डिडक्शन की सुविधा की भी मांग है।
जानकारों का मानना है कि अपने तीसरे कार्यकाल के पहले पूर्ण बजट में सरकार महिलाओं-किसानों और युवाओं के लिए खजाना खोल सकती है। युवाओं के लिए रोजगार बढ़ाने के नए उपाय बजट में दिखाई दे सकते है तो महिलाओं को लखपति बनाने की भाजपा की योजना को आगे बढ़ाने के लिए सरकार भारी निवेश की घोषणा कर सकती है।
हर वर्ग को राहत की चाह
आम लोगों को
होम लोन पर ब्याज के लिए कटौती की सीमा को बढ़ाकर कम से कम 3 लाख रुपए करने की मांग।
युवाओं को
- सरकार पर सबसे ज्यादा दबाव रोजगार के अवसर पैदा करने का है। स्किल डेवलपमेंट और रोजगार पैदा करने वाले क्षेत्रों का बजट आवंटन बढ़ने की संभावना।
- अग्निवीर जैसी योजना में सैनिकों को ज्यादा वित्तीय लाभ देने का ऐलान किया जा सकता है।
महिलाओं को
- रसोई गैस से लेकर स्वास्थ्य सेवाओं तक सब्सिडी दी जा सकती है।
- महिलाओं को टैक्स छूट देने पर भी विचार हो सकता है।
नौकरीपेशा
- उम्मीद है सरकार आयकर छूट सीमा में बदलाव करेगी। इससे मध्य वर्ग और नौकरीपेशा लोगों को खासा लाभ होगा।
- महंगाई बढ़ने के कारण पुरानी और नई आयकर व्यवस्था में स्टैंडर्ड डिडक्शन को मौजूदा ₹50,000 से बढ़ाकर एक लाख करने की मांग।
- न्यू पेंशन स्कीम को आकर्षक बनाया जा सकता है।
किसानों को
सरकार किसान सम्मान निधि सालाना 6,000 रुपए से बढ़ाकर 10-12 हजार रुपए कर सकती है। कृषि उत्पादों पर जीएसटी की दरों को कम करने का फैसला हो सकता है।
मजदूरों को
मनरेगा के तहत मजदूरी दिवस को 100 से बढ़ाकर 150 दिन किया जा सकता है। मनरेगा मजदूरों को कृषि क्षेत्र के साथ जोड़ने का फैसला किया जा सकता है।
कारोबारियों को
राष्ट्रीय खुदरा कारोबार नीति के तहत 10 लाख रुपए तक का दुर्घटना बीमा मिलने की उम्मीद। इसके लिए सिर्फ 6,000 रुपए प्रीमियम के कयास।
आईटी
एक रिपोर्ट के मुताबिक आइटी क्षेत्र में 45% कर्मचारी अवसाद जैसी मानसिक और 55% शारीरिक स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे है। काम के घंटे बढ़ाने से हालत और गंभीर हो जाएगी। दिग्गज आइटी कंपनी इंफोसिस के को-फाउंडर एन.आर.नारायण मूर्ति ने कुछ महीनों पहले कर्मचारियों को सप्ताह में 70 घंटे काम करने की सलाह दी थी। कर्नाटक सरकार 'कर्नाटक दुकान और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान अधिनियम, 1961' में संशोधन पर विचार कर रही है। आईटी कंपनियां चाहती है कि उनके प्रस्ताव को संशोधन में शामिल किया जाए। आईटी क्षेत्र के प्रस्ताव में कहा गया कि आईटी, आईटीईएस, बीपीओ क्षेत्र के कर्मचारियों को हर दिन 12 घंटे से ज्यादा और लगातार तीन महीने 125 घंटे से ज्यादा काम करने की जरूरत हो सकती है।