Edited By jyoti choudhary,Updated: 09 Sep, 2024 06:18 PM
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि लिथियम आयन बैटरी की कीमतों में गिरावट से अब इलेक्ट्रिक वाहन (EV) बिना सब्सिडी के भी प्रतिस्पर्धी बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह वित्त और भारी उद्योग मंत्रालयों पर निर्भर करता है कि वे इलेक्ट्रिक वाहनों को...
बिजनेस डेस्कः केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि लिथियम आयन बैटरी की कीमतों में गिरावट से अब इलेक्ट्रिक वाहन (EV) बिना सब्सिडी के भी प्रतिस्पर्धी बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह वित्त और भारी उद्योग मंत्रालयों पर निर्भर करता है कि वे इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन देना चाहते हैं या नहीं।
ऑटोमोटिव कंपोनेंट्स मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (एसीएमए) के वार्षिक सत्र में गडकरी ने बताया कि दो वर्षों में इलेक्ट्रिक वाहनों की लागत पेट्रोल और डीजल वाहनों के बराबर हो जाएगी। लिथियम आयन बैटरी की कीमत पहले 15 करोड़ अमेरिकी डॉलर प्रति किलोवाट घंटा थी, जो अब घटकर 10.8-11 करोड़ हो गई है और यह 10 करोड़ डॉलर तक पहुंच सकती है।
उन्होंने यह भी बताया कि इलेक्ट्रिक वाहन उत्पादन में वृद्धि हो रही है, जिससे इनकी लागत कम हो रही है। गडकरी का मानना है कि सब्सिडी के बिना भी इलेक्ट्रिक वाहन अपनी लागत बनाए रख सकते हैं और जल्द ही पेट्रोल-डीजल वाहनों के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकेंगे।
प्रोत्साहन देने के बारे में, गडकरी ने कहा कि यदि वित्त मंत्री और भारी उद्योग मंत्री सब्सिडी देना चाहते हैं तो यह ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए फायदेमंद होगा। साथ ही, उन्होंने विश्वास जताया कि भारत विश्व में नंबर एक मोटर वाहन विनिर्माण केंद्र बन सकता है, क्योंकि भारतीय मोटर वाहन उद्योग की वैश्विक प्रतिष्ठा अच्छी है और यहां प्रतिभाशाली कार्यबल की उपलब्धता है।
गडकरी ने पुराने वाहनों को हटाने के लिए सरकारी प्रोत्साहन की आवश्यकता पर कहा कि इसकी जरूरत नहीं होगी, क्योंकि बाजार की मांग स्वयं कंपनियों को नए कदम उठाने के लिए प्रेरित करेगी।