Budget में पूंजीगत व्यय बढ़ने, टैक्सेशन के लिए अधिक स्टैंडर्डाइज नजरिये की उम्मीद: मूडीज

Edited By jyoti choudhary,Updated: 23 Jul, 2024 09:39 AM

expectations of increase in capital expenditure and more standardized approach

मूडीज एनालिटिक्स ने कहा कि मंगलवार को संसद में पेश किए जाने वाले वित्त वर्ष 2024-25 के पूर्ण बजट में पूंजीगत व्यय में वृद्धि हो सकती है। उसने कराधान के लिए अधिक मानकीकृत नजरिया अपनाने की उम्मीद भी जताई। मूडीज एनालिटिक्स की अर्थशास्त्री अदिति रमन ने...

बिजनेस डेस्कः मूडीज एनालिटिक्स ने कहा कि मंगलवार को संसद में पेश किए जाने वाले वित्त वर्ष 2024-25 के पूर्ण बजट में पूंजीगत व्यय में वृद्धि हो सकती है। उसने कराधान के लिए अधिक मानकीकृत नजरिया अपनाने की उम्मीद भी जताई। मूडीज एनालिटिक्स की अर्थशास्त्री अदिति रमन ने सोमवार को कहा कि जून में लोकसभा में अपना पूर्ण बहुमत खोने के बाद, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नयी गठबंधन सरकार में जनता का भरोसा जगाने की कोशिश करेगी। 

उन्होंने कहा कि अंतरिम बजट में कर दरों को बरकरार रखा गया था लेकिन नियोजित सरकारी व्यय में किसी भी बढ़ोतरी के साथ ही घाटे को बढ़ने से रोकने के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष कराधान के जरिए अधिक कर लेना होगा। उन्होंने कहा कि फिलहाल भारत की आर्थिक नीति में किसी बड़े बदलाव की उम्मीद नहीं है। चुनाव के बाद का यह बजट पहले तय लक्ष्यों को मजबूती देगा। इससे पहले अंतरिम बजट में बुनियादी ढांचे पर खर्च, विनिर्माण क्षेत्र को समर्थन और राजकोषीय विवेक पर जोर दिया गया था। 

मूडीज एनालिटिक्स ने कहा कि बजट का व्यापार और उपभोक्ता विश्वास पर असर पड़ेगा। बजट बुनियादी ढांचे पर पूंजीगत व्यय और उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन योजनाओं के लिए वित्त पोषण को बनाए रखेगा या शायद इसे बढ़ा भी सकता है। रमन ने कहा कि बजट में कराधान के लिए अधिक मानकीकृत नजरिये की शुरुआत होने की संभावना है, लेकिन व्यापक जोर नीतियों को जारी रहने पर होगा। 

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