Edited By jyoti choudhary,Updated: 11 Jun, 2024 06:00 PM
विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) से निर्यात 2023-24 में चार प्रतिशत से अधिक बढ़कर 163.69 अरब डॉलर हो गया, जबकि देश का कुल निर्यात पिछले वित्त वर्ष में तीन प्रतिशत से अधिक घटा था। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, इन क्षेत्रों से निर्यात 2022-23...
नई दिल्लीः विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) से निर्यात 2023-24 में चार प्रतिशत से अधिक बढ़कर 163.69 अरब डॉलर हो गया, जबकि देश का कुल निर्यात पिछले वित्त वर्ष में तीन प्रतिशत से अधिक घटा था। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, इन क्षेत्रों से निर्यात 2022-23 में 157.24 अरब डॉलर और 2021-22 में 133 अरब डॉलर रहा था।
विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) प्रमुख निर्यात केंद्र हैं, जिन्होंने पिछले वित्त वर्ष में देश के कुल निर्यात में एक-तिहाई से अधिक का योगदान दिया। विशेष आर्थिक क्षेत्र ऐसे क्षेत्र हैं जिन्हें व्यापार तथा सीमा शुल्क के लिए विदेशी क्षेत्र माना जाता है। इन क्षेत्रों के बाहर घरेलू बाजार में शुल्क मुक्त बिक्री पर प्रतिबंध होता है। सरकार ने ऐसे 423 क्षेत्र (जोन) को मंजूरी दी है, जिनमें से 280 इस साल 31 मार्च तक चालू हो चुके हैं। 31 दिसंबर, 2023 तक इन क्षेत्र में 5,711 स्वीकृत इकाइयां थीं।
आंकड़ों से पता चलता है कि 31 दिसंबर, 2023 तक इन क्षेत्रों में 6.92 लाख करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया गया है। कुल 30.70 लाख लोगों को रोजगार मिला है। प्रमुख निर्यात गंतव्यों में संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर शामिल हैं। इन क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई उपायों पर विचार कर रही है, जैसे कि घरेलू बाजार में विशेष आर्थिक क्षेत्रों में निर्मित उत्पादों की बिक्री के लिए जुझारू ढांचा बनाना तथा इकाइयों के लिए अनुमोदन प्रक्रिया को सरल बनाना।
आर्थिक शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने एक रिपोर्ट में सुझाव दिया है कि सरकार को कच्चे माल पर दी गई छूट शुल्क के भुगतान पर विशेष आर्थिक क्षेत्रों में निर्मित उत्पादों की घरेलू बाजार में बिक्री की अनुमति देनी चाहिए, क्योंकि इससे मूल्यवर्धन को बढ़ावा मिलेगा। विशेष आर्थिक क्षेत्र की इकाइयों को तैयार माल पर वर्तमान में शुल्क के भुगतान पर डीटीए (घरेलू शुल्क क्षेत्र) में अपने उत्पाद बेचने की अनुमति है।
एसईजेड अधिनियम, 2005 और एसईजेड नियम, 2006 के तहत स्थापित किए जा रहे एसईजेड मुख्य रूप से निजी निवेश से प्रेरित हैं। एसईजेड अधिनियम, 2005 के लागू होने के बाद केंद्र ने देश में कोई भी एसईजेड स्थापित नहीं किया है। परिचालन वाले सबसे अधिक एसईजेड कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, गुजरात, केरल और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में है। देश का माल निर्यात 2023-24 में 3.11 प्रतिशत घटकर 437 अरब डॉलर रहा है। आयात भी आठ प्रतिशत से अधिक घटकर 677.24 अरब डॉलर रहा।