Edited By jyoti choudhary,Updated: 23 Oct, 2024 01:11 PM
वाणिज्य विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि भू-राजनीतिक चुनौतियों और स्थिर वैश्विक मांग के बावजूद नीदरलैंड, अमेरिका और ब्रिटेन सहित भारत के शीर्ष 10 निर्यात केंद्रों में से 8 को होने वाले निर्यात में चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान बढ़ोतरी हुई...
बिजनेस डेस्कः वाणिज्य विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि भू-राजनीतिक चुनौतियों और स्थिर वैश्विक मांग के बावजूद नीदरलैंड, अमेरिका और ब्रिटेन सहित भारत के शीर्ष 10 निर्यात केंद्रों में से 8 को होने वाले निर्यात में चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान बढ़ोतरी हुई है। हालांकि, अप्रैल-सितंबर के दौरान चीन और दक्षिण अफ्रीका को होने वाला निर्यात क्रमशः 9.4 प्रतिशत और 2.3 प्रतिशत घटा है। इस अवधि के दौरान भारत का कुल निर्यात 1 प्रतिशत की मामूली वृद्धि के साथ 213.2 अरब डॉलर हो गया है।
सितंबर में हुए निर्यात के आंकड़े अलग से उपलब्ध नहीं हैं लेकिन पिछले कुछ महीने की स्थिति से पता चलता है कि भारत के दूसरे सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार चीन को होने वाला निर्यात सुस्त हुआ है। जिन देशों को निर्यात बढ़ा है, उनमें अमेरिका (5.6 प्रतिशत), संयुक्त अरब अमीरात (11.4 प्रतिशत), नीदरलैंड (36.7 प्रतिशत), ब्रिटेन (12.4 प्रतिशत), सिंगापुर (2 प्रतिशत), सऊदी अरब (3.6 प्रतिशत), बांग्लादेश (1.5 प्रतिशत) और जर्मनी (4.6 प्रतिशत) शामिल हैं।
अमेरिका लगातार भारत का सबसे बड़ा निर्यात केंद्र बना हुआ है। उसके बाद यूएई और नीदरलैंड हैं।। वित्त वर्ष 2024-25 की शुरुआती अप्रैल में 2 प्रतिशत वृद्धि से हुई। उसके बाद मई में निर्यात में 13 प्रतिशत की जोरदार वृद्धि दर्ज की गई। उसके बाद जून के दौरान वृद्धि की रफ्तार सुस्त होकर 2.5 प्रतिशत हो गई और उसके बाद जुलाई और अगस्त में क्रमशः 1.7 प्रतिशत और 9.3 प्रतिशत का संकुचन आया। इसकी वजह सुस्त मांग और ढुलाई को लेकर बढ़ी चिंता थी। सितंबर में निर्यात में 0.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
आयात भी बढ़ा
वाणिज्य विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि भारत के शीर्ष 10 आयात साझेदारों में से संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से आयात इस वित्त वर्ष के शुरुआती 6 महीनों में सबसे तेज बढ़ा है। वाणिज्य विभाग के अनुसार संयुक्त अरब अमीरात से आयात सालाना आधार पर 52 प्रतिशत बढ़कर 31.45 अरब डॉलर हो गया है, जबकि भारत का सभी देशों से आयात 6 प्रतिशत बढ़कर 350 अरब डॉलर हुआ है। पिछले कुछ महीनों की स्थिति से पता चलता है कि पश्चिम एशियाई देशों से आयात बढ़ा है, जो मुख्य रूप से पेट्रोलियम और कीमती धातुओं जैसे सोने, चांदी और प्लेटिनम का आयात बढ़ने की वजह से हुआ है।
अप्रैल-सितंबर के दौरान संयुक्त अरब अमीरात, भारत का तीसरा सबसे बड़ा कारोबारी और आयात साझेदार रहा है। चीन और रूस भारत के आयात के शीर्ष स्रोत बने हुए हैं, जिसमें क्रमशः 11 प्रतिशत और 5.7 प्रतिशत वृद्धि हुई है। भारत के शीर्ष 10 आयात साझेदारों में सऊदी अरब और सिंगापुर से आयात क्रमशः 13.4 प्रतिशत और 2.4 प्रतिशत कम हुआ है। अमेरिका, ईराक, इंडोनेशिया, स्विट्जरलैंड और दक्षिण कोरिया से आयात इस वित्त वर्ष के शुरुआती 6 महीनों में बढ़ा है।