विदेशों से भारत आया जमकर पैसा, FDI निवेश 1 ट्रिलियन डॉलर के पार, किस देश ने लगाया सबसे ज्‍यादा पैसा

Edited By jyoti choudhary,Updated: 09 Dec, 2024 11:33 AM

fdi inflows into india cross 1 trillion establishes country

भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। अप्रैल 2000 से सितंबर 2024 के बीच एफडीआई प्रवाह 1000 अरब डॉलर या एक ट्रिलियन डॉलर को पार कर 1033.40 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। यह आंकड़ा भारत को वैश्विक निवेशकों के लिए एक...

बिजनेस डेस्कः भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। अप्रैल 2000 से सितंबर 2024 के बीच एफडीआई प्रवाह 1000 अरब डॉलर या एक ट्रिलियन डॉलर को पार कर 1033.40 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। यह आंकड़ा भारत को वैश्विक निवेशकों के लिए एक प्रमुख और आकर्षक निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित करता है।

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FDI का स्रोत

उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) के डेटा के अनुसार एफडीआई की कुल राशि इस अवधि के दौरान 1033.40 अरब डॉलर रही। डेटा के मुताबिक करीब 25 फीसदी एफडीआई मॉरीशस से आया। इसके बाद सिंगापुर (24 फीसदी), अमेरिका (10 फीसदी), नीदरलैंड (7 फीसदी), जापान (6 फीसदी), ब्रिटेन (5 फीसदी), यूएई (3 फीसदी) और बाकी दूसरे देशों का नंबर रहा।

किन क्षेत्रों में आया ज्यादा निवेश?

आंकड़ों के अनुसार भारत को मॉरीशस से 177.18 अरब डॉलर, सिंगापुर से 167.47 अरब डॉलर और अमेरिका से 67.8 अरब डॉलर मिले। इनमें से ज्यादातर निवेश सेवा क्षेत्र, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर, दूरसंचार, व्यापार, निर्माण विकास, ऑटोमोबाइल, रसायन और दवा क्षेत्र में आया।

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आधे से ज्यादा निवेश 10 वर्षों में आया

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अनुसार 2014 से भारत ने 667.4 अरब डॉलर (2014-24) का कुल एफडीआई आया। यह कुल एफडीआई (1000 अरब डॉलर) के मुकाबले आधे से ज्यादा है। वहीं पिछले दशक (2004-14) की तुलना में 119 फीसदी ज्यादा है।

एक अधिकारी ने कहा कि पिछले दशक (2014-24) में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में एफडीआई 165.1 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जो पिछले दशक (2004-14) की तुलना में 69 फीसदी ज्यादा है।

आगे क्या रहेगी स्थिति?

आने वाले समय में भारत में एफडीआई निवेश और तेजी से बढ़ने की उम्मीद है। इसका सबसे बड़ा कारण है कि दुनिया की कई बड़ी कंपनियां चीन से अपना कारोबार समेत भारत की रुख कर रही हैं। वहीं बांग्लादेश में जो हालात हैं, उसका भी फायदा भारत को मिल सकता है। इस वजह से भी एफडीआई में तेजी आ सकती है।


 

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