नई सरकार के तहत कुछ क्षेत्रों में FDI मानदंडों को आसान बनाने की संभावना: डीपीआईआईटी सचिव

Edited By jyoti choudhary,Updated: 18 May, 2024 05:58 PM

fdi norms likely to be eased in some sectors under new government

भारत ने हाल ही में अंतरिक्ष क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) मानदंडों में ढील दी है और इस बात की संभावना है कि नई सरकार के सत्ता में आने पर कुछ अन्य क्षेत्रों में एफडीआई मानदंडों में राहत दी जा सकती है। उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार...

नई दिल्लीः भारत ने हाल ही में अंतरिक्ष क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) मानदंडों में ढील दी है और इस बात की संभावना है कि नई सरकार के सत्ता में आने पर कुछ अन्य क्षेत्रों में एफडीआई मानदंडों में राहत दी जा सकती है। उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव राजेश कुमार सिंह ने शनिवार को यह बात कही। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में, भारत ने कई क्षेत्रों में एफडीआई नीति को उदार बनाया है। उन्होंने कहा कि भारत की नीतियां दुनिया में सबसे उदार एफडीआई नीतियों में से एक हैं और वास्तव में यह कई दक्षिण पूर्व एशियाई देशों की तुलना में अधिक उदार है। 

सिंह ने सीआईआई के वार्षिक व्यापार शिखर सम्मेलन में कहा कि हाल ही में अंतरिक्ष क्षेत्र में एफडीआई मानदंडों को आसान बनाया गया था और ''इस बात की बहुत संभावना है कि नई सरकार के तहत, हम जो भी क्षेत्र बचे हैं और जहां कुछ उदारीकरण संभव है, वहां इसके लिए प्रयास कर सकते हैं।'' देश में लोकसभा चुनाव चल रहे हैं और मतगणना चार जून को होनी है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-दिसंबर 2023 में भारत में एफडीआई 13 प्रतिशत घटकर 32.03 अरब अमेरिकी डॉलर रह गया। ऐसा मुख्य रूप से कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर, दूरसंचार, ऑटो और दवा क्षेत्रों में कम निवेश के कारण हुआ।

उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन योजनाओं (पीएलआई) की सफलता के बारे में बात करते हुए सचिव ने कहा कि अब तक 1.13 लाख करोड़ रुपए का निवेश आया है और लाभार्थी कंपनियों ने नौ लाख करोड़ रुपए से अधिक की बिक्री, 3.45 लाख करोड़ रुपए का निर्यात सृजित किया है और साथ ही आठ लाख से ज्यादा लोगों को नौकरी दी है। सिंह ने कहा कि कुछ लोग यह कहते हुए इस योजना की आलोचना करते हैं कि इससे घरेलू मूल्यवर्धन में वृद्धि नहीं हुई है लेकिन उन्हें पता होना चाहिए कि इसमें समय लगता है।

कारोबारी सुगमता के बारे में उन्होंने कहा कि विश्व बैंक के बिजनेस रेडी (बी-रेडी) सूचकांक पर काम जारी है, जिसके लिए सर्वेक्षण अगस्त में शुरू होगा। सिंह ने कहा कि भारत को अपनी इलेक्ट्रिक-वाहन (ईवी) नीति पर कई ऑटोमोबाइल कंपनियों से अच्छी प्रतिक्रिया की उम्मीद है। यह नीति टेस्ला जैसी वैश्विक कंपनियों को आकर्षित करने के लिए मार्च में जारी की गई थी। उन्होंने कहा कि नीति में सरकार ने भारत में कोई भी वास्तविक निवेश किए बिना सिर्फ आधार स्थापित करने की प्रतिबद्धता जताकर शुल्क में बदलाव करने की व्यवस्था की है। उन्होंने कहा कि हर कोई एक कंपनी (टेस्ला) के बारे में बात करता है लेकिन हम इस नीति पर कई कंपनियों से प्रतिक्रिया की उम्मीद कर रहे हैं।  

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