Edited By jyoti choudhary,Updated: 27 Nov, 2024 11:37 AM
रसोई का बजट महंगाई की वजह से बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। सब्जियों के साथ-साथ आटा, मैदा, ब्रेड, रिफाइंड तेल और चायपत्ती की बढ़ती कीमतें घर के किचन का खर्च बढ़ा रही हैं। कई चीजों की कीमत पिछले साल के मुकाबले दोगुनी तक हो गई है।
बिजनेस डेस्कः रसोई का बजट महंगाई की वजह से बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। सब्जियों के साथ-साथ आटा, मैदा, ब्रेड, रिफाइंड तेल और चायपत्ती की बढ़ती कीमतें घर के किचन का खर्च बढ़ा रही हैं। कई चीजों की कीमत पिछले साल के मुकाबले दोगुनी तक हो गई है।
बढ़े आटा-तेल के दाम
आटे के 10 किलो के पैकेट की कीमत में 20-30 रुपए का इजाफा हुआ है, जबकि ब्रेड के प्रति पैकेट में 5 रुपए तक बढ़ गए हैं। चायपत्ती के दाम में प्रति किलो 50 रुपए की बढ़ोतरी देखी गई है। रिफाइंड तेल की कीमत में पिछले दो महीनों में प्रति लीटर 15 रुपए का उछाल आया है।
आटे की कीमतों में और बढ़ोतरी की आशंका
आटा कारोबारी राजीव गोयल ने बताया कि बाजार में गेहूं की कमी आटे की कीमतों में वृद्धि का मुख्य कारण है। पिछले साल केंद्र सरकार की ओपन मार्केट सेल स्कीम से राहत मिली थी लेकिन इस साल ऐसा नहीं हुआ। इसके चलते आटे की कीमत में प्रति किलो 3-4 रुपए का इजाफा हुआ है। उन्होंने सरकार से अपील की है कि गेहूं की आपूर्ति बढ़ाई जाए।
दालों और चावल में मिली-जुली प्रतिक्रिया
अरहर दाल की कीमत 200 रुपए प्रति किलो बनी हुई है लेकिन नई फसल आने से अगले महीने राहत की उम्मीद है। मूंग और उड़द दाल की कीमत स्थिर है, जबकि चने की दाल और बासमती चावल की कीमत में प्रति किलो 10 रुपए की गिरावट आई है।
सब्जियों की कीमत आसमान पर
सब्जियों की कीमतें भी लगातार बढ़ रही हैं। पालक की कीमत मंडियों में 70 रुपए प्रति किलो पहुंच गई है, जबकि मटर 100-120 रुपए प्रति किलो बिक रही है। उच्च गुणवत्ता वाली मटर की कीमत मंडियों में 200 रुपए प्रति किलो तक है।
महंगाई से घटी खरीदारी
रिटेल कारोबारियों के अनुसार, बढ़ती कीमतों के चलते ग्राहक खरीदारी में कटौती कर रहे हैं। उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए सरकार और आपूर्ति चैनलों से हस्तक्षेप की आवश्यकता है।