Edited By jyoti choudhary,Updated: 19 Nov, 2024 11:52 AM
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (nirmala sitharaman) ने कहा है कि मौजूदा बैंक ब्याज दरें कर्ज लेने वालों के लिए परेशानी का सबब हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि ब्याज दरों को अर्फोडेबल बनाने के लिए कदम उठाने की जरूरत है। भारतीय स्टेट बैंक के इंडिया...
बिजनेस डेस्कः केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (nirmala sitharaman) ने कहा है कि मौजूदा बैंक ब्याज दरें कर्ज लेने वालों के लिए परेशानी का सबब हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि ब्याज दरों को अर्फोडेबल बनाने के लिए कदम उठाने की जरूरत है। भारतीय स्टेट बैंक के इंडिया बिजनेस और इकनॉमिक कॉन्क्लेव में वित्त मंत्री ने कहा कि उच्च ब्याज दरें बिजनेस विस्तार के लिए चुनौतियां उत्पन्न कर रही हैं। उन्होंने बैंकों से कर्ज देने के अपने मूल काम पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी।
उच्च ब्याज दरें उद्योग के लिए बाधा
सीतारमण ने कहा कि भारत की आर्थिक आवश्यकताओं के मद्देनजर ब्याज दरों को अधिक किफायती बनाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब उद्योगों को तेजी से विस्तार और क्षमता निर्माण की जरूरत है, उच्च ब्याज दरें एक बड़ी बाधा बन सकती हैं।
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इंश्योरेंस पर भी जताई चिंता
वित्त मंत्री ने कहा कि इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स की गलत बिक्री (misselling) से अप्रत्यक्ष रूप से कर्ज की लागत बढ़ती है। उन्होंने कहा कि बैंकों को अपनी बैंकिंग सेवाओं पर फोकस करना चाहिए और ग्राहकों पर अनावश्यक इंश्योरेंस थोपने से बचना चाहिए, जिससे बैंकिंग सेक्टर पर लोगों का भरोसा बना रहे।
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महंगाई और ब्याज दरें
वित्त मंत्री ने फूड प्राइसेस के उतार-चढ़ाव के कारण महंगाई को भी स्वीकार किया। उनकी यह टिप्पणी वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल द्वारा भारतीय रिजर्व बैंक से ब्याज दरों को कम करने की अपील के बाद आई है।