Edited By jyoti choudhary,Updated: 24 Aug, 2024 06:12 PM
रोजमर्रा के घरेलू उत्पाद (FMCG) के वितरकों ने त्वरित वाणिज्य मंच की 'तेज और अनियमित वृद्धि' पर चिंता जताई है और कहा है कि इसकी तत्काल जांच की आवश्यकता है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को लिखे पत्र में एफएमसीजी वितरकों के संगठन एआईसीपीडीएफ ने...
बिजनेस डेस्कः रोजमर्रा के घरेलू उत्पाद (FMCG) के वितरकों ने त्वरित वाणिज्य मंच की 'तेज और अनियमित वृद्धि' पर चिंता जताई है और कहा है कि इसकी तत्काल जांच की आवश्यकता है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को लिखे पत्र में एफएमसीजी वितरकों के संगठन एआईसीपीडीएफ ने कहा कि त्वरित वाणिज्य मंचों का अनियंत्रित विस्तार एक "असमान खेल का मैदान" बना रहा है, जिससे लाखों ऐसे छोटे खुदरा विक्रेताओं और वितरकों की आजीविका को खतरा है, जो दशकों से भारत के खुदरा क्षेत्र की रीढ़ रहे हैं।
त्वरित वाणिज्यिक मंच आमतौर पर 10 से 30 मिनट के भीतर सामान वितरित करते हैं। अखिल भारतीय उपभोक्ता उत्पाद वितरक संघ (एआईसीपीडीएफ) ने भी इन त्वरित-वाणिज्य कंपनियों द्वारा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नियमों के संभावित उल्लंघन पर संदेह जताया है और इन मंचों के परिचालन मॉडल की तत्काल जांच की मांग की है। ब्लिंकिट, जेप्टो और इंस्टामार्ट जैसे त्वरित वाणिज्य मंचों की तेजी से वृद्धि ने पारंपरिक खुदरा क्षेत्र और स्थापित एफएमसीजी वितरण नेटवर्क के लिए महत्वपूर्ण चुनौतियां पेश की हैं।
एआईसीपीडीएफ ने पत्र में कहा, "हम छोटे "मॉम-एंड-पॉप" स्टोर्स के क्षरण और एफएमसीजी वितरण परिदृश्य में बदलाव देख रहे हैं, क्योंकि इन मंचों को प्रमुख एफएमसीजी कंपनियों द्वारा प्रत्यक्ष वितरक के रूप में नियुक्त किया जा रहा है, जिससे पारंपरिक वितरकों को किनारे किया जा रहा है।" एआईसीपीडीएफ ने त्वरित-वाणिज्य मंचों के एफडीआई विनियमों के अनुपालन के संबंध में चिंता जताई है। एआईसीपीडीएफ को संदेह है कि वे बाजार और इन्वेंट्री-आधारित मॉडल के बीच की रेखाओं को धुंधला कर रहे हैं।