Edited By jyoti choudhary,Updated: 12 Oct, 2024 12:19 PM
आम लोगों को महंगाई से राहत नहीं मिल रही है। फेस्टिव सीजन में एक बार फिर आम जनता पर महंगाई की मार पड़ी है। खासकर खाद्य तेलों की बढ़ती कीमतों के कारण। सितंबर में खाद्य तेलों की कीमतों में वृद्धि के चलते भारत का पाम ऑयल आयात एक महीने पहले की तुलना में...
बिजनेस डेस्कः आम लोगों को महंगाई से राहत नहीं मिल रही है। फेस्टिव सीजन में एक बार फिर आम जनता पर महंगाई की मार पड़ी है। खासकर खाद्य तेलों की बढ़ती कीमतों के कारण। सितंबर में खाद्य तेलों की कीमतों में वृद्धि के चलते भारत का पाम ऑयल आयात एक महीने पहले की तुलना में लगभग एक तिहाई कम हो गया है। यह आयात छह महीनों के निचले स्तर पर पहुंच गया, जबकि सूरजमुखी तेल का आयात दस महीनों में सबसे कम रहा।
भारत मुख्य रूप से पाम ऑयल इंडोनेशिया और मलेशिया से आयात करता है लेकिन ऊंची कीमतों के कारण खरीद में कमी आई है। इसके परिणामस्वरूप इन देशों में खाद्य तेल का स्टॉक बढ़ने की संभावना है। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) के अनुसार, सितंबर में पाम ऑयल का आयात 33% से ज्यादा गिरकर 527,314 मीट्रिक टन रह गया। इसी तरह सोया तेल का आयात भी 15.4% घटकर 384,382 टन और सूरजमुखी तेल का आयात 46.2% घटकर 152,803 टन रह गया है।
भारत में इन तेलों की कीमतों में 10% तक की बढ़ोतरी देखी गई है, खासकर सरसों के तेल में। जानकारों का मानना है कि आने वाले समय में कीमतों में और तेजी देखने को मिल सकती है। हालांकि, त्योहारी सीजन में मांग में सुधार होने के कारण अक्टूबर में पाम ऑयल का आयात 7 लाख टन से अधिक हो सकता है।