Edited By jyoti choudhary,Updated: 20 Nov, 2024 12:55 PM
इस समय भारतीय शेयर बाजार से विदेशी निवेशकों द्वारा पैसे निकालने का सिलसिला जारी है, खासकर अक्टूबर 2024 से। विदेशी निवेशक भारतीय शेयरों से रिकॉर्ड रकम निकाल चुके हैं और ये सिलसिला अभी रुका नहीं है। वहीं एफपीआई इस पैसे का यूज आईपीओ से मुनाफा कमाने के...
बिजनेस डेस्कः इस समय भारतीय शेयर बाजार से विदेशी निवेशकों द्वारा पैसे निकालने का सिलसिला जारी है, खासकर अक्टूबर 2024 से। विदेशी निवेशक भारतीय शेयरों से रिकॉर्ड रकम निकाल चुके हैं और ये सिलसिला अभी रुका नहीं है। वहीं एफपीआई इस पैसे का यूज आईपीओ से मुनाफा कमाने के लिए कर रहे हैं। विदेशी निवेशकों ने आईपीओ (प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव) में भारी निवेश किया है। आंकड़े बताते हैं कि 2024 में अब तक उन्होंने आईपीओ और प्रीफरेंशियल शेयर खरीद में 11.5 बिलियन डॉलर का निवेश किया है, जो अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है। इससे पहले 2021 में विदेशी निवेशकों ने सबसे अधिक निवेश किया था।
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IPO को क्यों बना रहे हैं प्राथमिकता?
विशेषज्ञों के अनुसार, विदेशी निवेशक अब शेयर बाजार से पैसा कमाने के नए तरीके अपना रहे हैं। वे सेकेंडरी मार्केट से पैसा निकालकर प्राइमरी मार्केट यानी आईपीओ और प्रीफरेंशियल शेयर सेल्स में निवेश कर रहे हैं। सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, इस साल विदेशी निवेशकों की प्राइमरी मार्केट में खरीदारी 11.5 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई है।
इससे पहले 2021 में बना था रिकार्ड
विदेशी निवेशकों की आईपीओ बाजार में निवेश का पुराना रिकार्ड साल 2021 में बना था। अब उन्होंने साल 2021 का अपना पिछला रिकॉर्ड तोड़ दिया है। साल 2021 में विदेशी निवेशकों ने प्राइमरी मार्केट में 10.8 बिलियन डॉलर लगाए थे। इसके विपरीत इस साल ग्लोबल फंड्स ने इस साल शेयर बाजार के दोनों एक्सचेंजों पर 13 बिलियन डॉलर से अधिक के शेयर बेच दिए हैं। तभी तो बीएसई और एनएसई के प्रमुख सूचकांकों में करेक्शन दिख रहा है।
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भारतीय प्राइमरी बाजार में निवेश की बढ़ती रुचि
यह बदलाव दिखाता है कि विदेशी निवेशक अब सेकेंडरी मार्केट की बजाय प्राइमरी बाजार में लाभ कमाने की ओर बढ़ रहे हैं, खासकर आईपीओ के जरिए।