Edited By jyoti choudhary,Updated: 24 Sep, 2024 01:23 PM
आजकल एक शातिर गिरोह लोगों को मोबाइल टावर लगवाने के नाम पर ठग रहा है, जिसमें भोले-भाले लोग आसानी से फंस जाते हैं। इन ठगी के मामलों को देखते हुए भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने लोगों को अलर्ट किया है और सावधानी बरतने की सलाह दी है।
बिजनेस डेस्कः आजकल एक शातिर गिरोह लोगों को मोबाइल टावर लगवाने के नाम पर ठग रहा है, जिसमें भोले-भाले लोग आसानी से फंस जाते हैं। इन ठगी के मामलों को देखते हुए भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने लोगों को अलर्ट किया है और सावधानी बरतने की सलाह दी है।
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ट्राई का अलर्ट SMS
ट्राई ने SMS के जरिए जानकारी दी है कि वह मोबाइल टावर लगाने के लिए कोई NOC (अनापत्ति प्रमाण पत्र) जारी नहीं करता है। एसएमएस में कहा गया है, "ध्यान दें कि TRAI मोबाइल टॉवर लगाने के लिए NOC नहीं देता। अगर कोई आपको इस तरह के पत्र के साथ धोखा देने की कोशिश करता है, तो तुरंत संबंधित मोबाइल सेवा प्रदाता को सूचित करें।"
PIB फैक्टचेक ने भी दी थी चेतावनी
इससे पहले PIB फैक्टचेक ने भी लोगों को मोबाइल टावर इंस्टॉलेशन के नाम पर हो रहे फर्जीवाड़े के बारे में आगाह किया था। पीआईबी ने स्पष्ट किया था कि टेलीकॉम विभाग मोबाइल टावर इंस्टॉलेशन के लिए कोई शुल्क या टैक्स नहीं लेता है और लोगों से सावधान रहने की अपील की थी।
कैसे होती है ठगी?
इस धोखाधड़ी में, ठग लोगों को यह वादा करते हैं कि उनकी जमीन या छत पर मोबाइल टावर लगाने से उन्हें हर महीने निश्चित आय होगी। इसके बदले में एकमुश्त रकम और हर महीने नियमित भुगतान का प्रलोभन दिया जाता है। ठग ट्राई या टेलीकॉम विभाग के नाम पर फर्जी एनओसी जारी करते हैं और लोगों से इसके बदले में पैसे ठग लेते हैं।
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ट्राई और पीआईबी ने सभी लोगों से अनुरोध किया है कि वे इस प्रकार की धोखाधड़ी से बचें और किसी भी संदिग्ध मामले की जानकारी तुरंत संबंधित अधिकारियों तक पहुंचाएं।
मोबाइल नंबर वेरिफिकेशन के नाम पर फ्रॉड
ट्राई ने कुछ ही समय पहले मोबाइल नंबर वेरिफिकेशन फ्रॉड को लेकर भी लोगों को अलर्ट किया था। उसने कहा था कि वह मोबाइल नंबरों के सत्यापन/ डिस्कनेक्शन/ गैरकानूनी गतिविधियों की रिपोर्ट करने के लिए कभी भी कोई संदेश या कॉल नहीं भेजता है। ट्राई के नाम से आने वाले ऐसे मैसेज/कॉल से सावधान रहें। ऐसी कोई भी कॉल या संदेश संभावित रूप से धोखाधड़ी माना जाना चाहिए और इसे संचार साथी प्लेटफार्म पर चक्षु माड्यूल (https://sancharsaathi.gov.in/sfc/) के माध्यम से दूरसंचार विभाग को अथवा गृह मंत्रालय के साइबर क्राइम पोर्टल https://www.cybercrime.gov.in पर सूचित किया जा सकता है।