Edited By jyoti choudhary,Updated: 22 Aug, 2024 11:15 AM
डिजिटल पेमेंट्स (digital payments) में यूपीआई (UPI) के बढ़ते उपयोग के साथ-साथ धोखाधड़ी के मामलों में भी वृद्धि हो रही है। इस समस्या से निपटने के लिए रेगुलेटर ने नए उपायों पर काम शुरू किया है। इसके तहत, यूपीआई ट्रांजेक्शन को पिन के बजाय बायोमेट्रिक...
बिजनेस डेस्कः डिजिटल पेमेंट्स (digital payments) में यूपीआई (UPI) के बढ़ते उपयोग के साथ-साथ धोखाधड़ी के मामलों में भी वृद्धि हो रही है। इस समस्या से निपटने के लिए रेगुलेटर ने नए उपायों पर काम शुरू किया है। इसके तहत, यूपीआई ट्रांजेक्शन को पिन के बजाय बायोमेट्रिक से ऑथेंटिकेट करने की व्यवस्था की जा रही है।
मिंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने यूपीआई पेमेंट को और सुरक्षित बनाने के लिए बड़े बदलाव की योजना बनाई है। अब यूपीआई पेमेंट को सत्यापित (ऑथेंटिकेट) करने के लिए बायोमीट्रिक का उपयोग किया जाएगा। इसके तहत फिंगरप्रिंट या फेस ऑथेंटिकेशन जैसे बायोमीट्रिक विकल्पों पर विचार किया जा रहा है।
कई कंपनियों से चल रही NPCI की बात
रिपार्ट के अनुसार, UPI में बायोमीट्रिक की सुविधा शुरू करने के लिए एनपीसीआई कई स्टार्टअप कंपनियों से बात कर रहा है। अभी ज्यादार फोन में फिंगरप्रिंट स्कैनर और फेस रिकॉग्निशन जैसे फीचर आने लगे हैं। एनपीसीआई की योजना है कि स्मार्टफोन में मौजूद इन फीचरों का इस्तेमाल कर यूपीआई से लेन-देन और भुगतान को सुरक्षित बनाया जाए।
अभी यूजर्स को पड़ती है यूपीआई पिन की जरूरत
अभी यूपीआई से पेमेंट करने के लिए पिन की जरूरत होती है। यूजर्स 4 या 6 अंकों वाला पिन बनाते हैं, जिसकी मदद से ट्रांजेक्शन को ऑथेंटिकेट किया जाता है। गूगल पे, फोन पे और पेटीएम समेत तमाम यूपीआई पेमेंट ऐप से ट्रांजेक्शन करने के लिए ऑथेंटिकेशन के लिए 4 या 6 डिजिट वाले उस पिन की जरूरत होती है। बदलाव के बाद पिन की जगह फिंगरप्रिंट या फेस रिकॉग्निशन का इस्तेमाल किया जा सकेगा। इससे यूपीआई पेमेंट आसान भी हो जाएगा और अभी की तुलना में ज्यादा सुरक्षित भी।