Edited By jyoti choudhary,Updated: 24 May, 2024 02:05 PM
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक (Rishi Sunak) द्वारा जल्द चुनाव की घोषणा किए जाने से भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को अंतिम रूप देने में भी देर हो सकती है। दोनों पक्षों के अधिकारियों ने इसके संकेत दिए। सुनक ने बुधवार को समय से पहले चुनाव...
नई दिल्लीः ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक (Rishi Sunak) द्वारा जल्द चुनाव की घोषणा किए जाने से भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को अंतिम रूप देने में भी देर हो सकती है। दोनों पक्षों के अधिकारियों ने इसके संकेत दिए। सुनक ने बुधवार को समय से पहले चुनाव कराने की घोषणा करते हुए सभी को अचंभित कर दिया। उन्होंने जनवरी की निर्धारित समय-सीमा से काफी पहले 4 जुलाई तक चुनाव कराने की घोषणा की। भारत अपने लोकसभा चुनाव के बाद नई सरकार के गठन के साथ ही जुलाई में ब्रिटेन के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने की उम्मीद कर रहा था।
सुनक के नेतृत्व वाली कंजर्वेटिव पार्टी जनमत सर्वेक्षणों में कीर स्टारमर के नेतृत्व वाली लेबर पार्टी के मुकाबले करीब 20 फीसदी पीछे चल रही है। ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि ब्रिटेन में मुद्रास्फीति अप्रैल में 2.3 फीसदी तक घट गई थी। सुनक इस संदेश के साथ कंजर्वेटिव पार्टी के निराशाजनक आंकड़ों को पलटने की उम्मीद कर रहे हैं कि अर्थव्यवस्था अब एक मोड़ पर खड़ी है।
यूरोपियन सेंटर फॉर इंटरनैशनल पॉलिटिकल इकॉनमी (ईसीआईपीई) में यूके ट्रेड पॉलिसी प्रोजेक्ट के निदेशक डेविड हेनिग ने कहा कि जनता के बीच लेबर पार्टी भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (FTA) का समर्थन करती रही है और इसे जारी रखने के लिए सरकार में भी उन पर दबाव की उम्मीद की जा सकती है।
सरकार के एक अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर कहा कि ब्रिटेन में जल्दी चुनाव कराने की घोषणा से व्यापार करार में और देरी होगी। इस महत्त्वाकांक्षी व्यापार करार पर वार्ता 2022 में शुरू हुई थी और इसे उसी साल दीवाली तक पूरा करने का लक्ष्य था। मगर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के इस्तीफे की वजह से करार नहीं हो पाया।
हालांकि ऋषि सुनक के कार्यकाल के दौरान दोनों पक्षों ने इस दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की मगर द्विपक्षीय निवेश संधि, द्विपक्षीय सामाजिक सुरक्षा समझौता और कार्बन बॉर्डर कर जैसे मसलों का अभी पूरी तरह से समाधान नहीं हो पाया है।
ब्रिटेन भारत व्यापार परिषद के पूर्व ग्रुप मुख्य कार्याधिकारी जयंत कृष्णा ने कहा कि ब्रिटेन-भारत मुक्त व्यापार करार पर बातचीत अग्रिम चरण में है और ब्रिटेन में चुनाव के कारण इसमें कुछ महीनों की देरी हो सकती है क्योंकि वहां की सरकार चुनाव के दौरान कोई बड़ी घोषणा नहीं कर सकती है। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा कि ऊंचे शुल्क वाले भरत जैसे देश के साथ मुक्त व्यापार करार से ब्रिटेन के उत्पादों की बाजार तक तत्काल पहुंच होगी।