Edited By jyoti choudhary,Updated: 13 Jun, 2024 10:41 AM
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट जुलाई के दूसरे पखवाड़े में पेश कर दिया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि विभिन्न मंत्रालयों और पक्षों से बजट के लिए सलाह मशविरे का काम अगले हफ्ते शुरू हो सकता है। बजट...
नई दिल्लीः राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट जुलाई के दूसरे पखवाड़े में पेश कर दिया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि विभिन्न मंत्रालयों और पक्षों से बजट के लिए सलाह मशविरे का काम अगले हफ्ते शुरू हो सकता है। बजट से पहले 2023-24 की आर्थिक समीक्षा पेश की जाएगी।
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने आज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि 18वीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून से शुरू होकर 3 जुलाई तक चलेगा। इसमें नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाई जाएगी और लोक सभा अध्यक्ष का चुनाव होगा। इसके बाद राष्ट्रपति लोक सभा और राज्य सभा के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगी और उस पर चर्चा होगी।
उन्होंने लिखा, ‘राज्य सभा का 264वां सत्र 27 जून को शुरू होगा और 3 जुलाई तक चलेगा।’ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश किया था, जिसमें सरकारी खजाने को मजबूती देने के सरकार के संकल्प का ध्यान रखा गया था। सरकार ने राजकोषीय घाटे को 2025-26 तक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.5 फीसदी से नीचे लाने का लक्ष्य रखा है। वित्त वर्ष 2024-25 में जीडीपी के 5.1 फीसदी के बराबर रहने का अनुमान लगाया गया है।
बजट में यह भी पता चलेगा कि भारतीय रिजर्व बैंक से मिले 2.11 लाख करोड़ रुपए के भारी भरकम लाभांश का इस्तेमाल सरकार किस तरह करेगी। इससे सरकार को वित्तीय मोर्चे पर राहत मिलने की उम्मीद है और खर्च संभालने में भी उसे ज्यादा सहूलियत होगी।
एसऐंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने कहा है कि अगर सरकार की नीतियों में निरंतरता बनी रहती है तो वह अगले दो साल में भारत की रेटिंग को अपग्रेड कर सकती है। मगर इसके लिए जरूरी है कि सरकार आर्थिक सुधार बढ़ाए, बुनियादी ढांचे पर ज्यादा निवेश करे और राजकोषीय एवं मौद्रिक मोर्चे पर उसकी नीतियां सतर्कता भरी रहें।