Edited By jyoti choudhary,Updated: 01 Jun, 2024 11:24 AM
सालहवें वित्त आयोग के चेयरमैन अरविंद पनगढ़िया ने शुक्रवार को कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में 8.2 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि दर भारत के लिए अच्छी खबर है। पनगढ़िया ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा, ''जैसा कि अनुमान लगाया गया था, 2023-24 के लिए जीडीपी...
बिजनेस डेस्कः सालहवें वित्त आयोग के चेयरमैन अरविंद पनगढ़िया ने शुक्रवार को कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में 8.2 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि दर भारत के लिए अच्छी खबर है। पनगढ़िया ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा, ''जैसा कि अनुमान लगाया गया था, 2023-24 के लिए जीडीपी वृद्धि दर आठ प्रतिशत के आंकड़े को पार कर गई है और 8.2 प्रतिशत के संतोषजनक स्तर पर पहुंच गई है। भारत के लिए अच्छी खबर।''
शुक्रवार को जारी राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के अनुसार भारत की अर्थव्यवस्था मार्च तिमाही में 7.8 प्रतिशत की दर से बढ़ी। हालांकि यह आंकड़ा पिछली चार तिमाहियों में सबसे कम है। इससे पहले जून तिमाही में अर्थव्यवस्था 8.2 प्रतिशत, सितंबर तिमाही में 8.1 प्रतिशत और दिसंबर तिमाही में 8.6 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी। वहीं विनिर्माण क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन से वित्त वर्ष 2023-24 में जीडीपी वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत रही, जो 2022-23 में दर्ज सात प्रतिशत से अधिक है।
इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि जीडीपी वृद्धि में तिमाही आधार पर गिरावट निवेश गतिविधियों के चलते है, जबकि निजी खपत में चार प्रतिशत की मामूली वृद्धि बनी रही। इसके अलावा सरकारी उपभोग व्यय में भी मामूली वृद्धि हुई। नायर ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में अस्थायी कारक वृद्धि को प्रभावित कर सकते हैं। इससे चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि, 2023-24 से कम रहने का अनुमान है। उद्योग मंडल पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष संजीव अग्रवाल ने कहा कि 2023-24 में भारत की 8.2 प्रतिशत की वृद्धि से वर्ष 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों का पता चलता है। उन्होंने आने वाले समय में वृद्धि की गति जारी रहने की उम्मीद जताई।
रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. में वरिष्ठ उपाध्यक्ष (खुदरा शोध) डॉ. रवि सिंह ने कहा, ‘‘भारत की चौथी तिमाही की जीडीपी वृद्धि अनुमान और अपेक्षाओं से कहीं बेहतर है। कंपनियों के परिणामों में स्पष्ट रूप से मजबूत और व्यापक वृद्धि ने उद्योग में पहले से ही एक आशावादी दृष्टिकोण स्थापित कर दिया है।'' उन्होंने कहा, ‘‘...निर्माण और विनिर्माण गतिविधियों और सरकारी खर्च में मजबूत वृद्धि ने चौथी तिमाही की इस वृद्धि में योगदान दिया है। इस वृद्धि गति के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था एक बार फिर दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था होने का अपना तमगा बरकरार रखने में कामयाब रही है।''