Edited By jyoti choudhary,Updated: 06 Jan, 2025 11:40 AM
सरकार ने सोने समेत करीब दो दर्जन वस्तुओं पर कस्टम ड्यूटी की समीक्षा शुरू कर दी है। अगर यह पाया गया कि ड्यूटी में कटौती के बाद सोने की खपत बढ़ी है और डोमेस्टिक वैल्यू एडिशन के बजाय आयात को बढ़ावा मिला है, तो ड्यूटी बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है। इस...
बिजनेस डेस्कः सरकार ने सोने समेत करीब दो दर्जन वस्तुओं पर कस्टम ड्यूटी की समीक्षा शुरू कर दी है। अगर यह पाया गया कि ड्यूटी में कटौती के बाद सोने की खपत बढ़ी है और डोमेस्टिक वैल्यू एडिशन के बजाय आयात को बढ़ावा मिला है, तो ड्यूटी बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है। इस संबंध में दो अधिकारियों ने जानकारी दी है।
ड्यूटी कटौती का मकसद और आयात-निर्यात का हाल
जुलाई 2024 में पेश हुए बजट में सोने और चांदी की छड़ों पर कस्टम ड्यूटी को 15% से घटाकर 6% किया गया था। सरकार का उद्देश्य घरेलू स्तर पर वैल्यू एडिशन को प्रोत्साहित करना और रत्न एवं आभूषण के निर्यात को बढ़ावा देना था। हालांकि इसके बाद अगस्त 2024 में सोने के आयात में 104% की भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई, जो $10.06 बिलियन तक पहुंच गया। इसके विपरीत रत्न और आभूषण का निर्यात 23% घटकर $1.99 बिलियन रह गया।
नवंबर 2024 के आंकड़े भी चौंकाने वाले हैं, जहां सोने का आयात 331.5% बढ़कर $14.86 बिलियन हो गया। वहीं रत्न और आभूषणों का निर्यात 26.26% घटकर $2.06 बिलियन रहा। अप्रैल-नवंबर 2024 के दौरान, सोने का आयात 49% बढ़कर $49.08 बिलियन हो गया, जबकि इसी अवधि में रत्न और आभूषण का निर्यात 10.16% घटकर $19.23 बिलियन रह गया।
‘मेक इन इंडिया’ पर जोर
सरकार अब सोने पर कस्टम ड्यूटी कटौती के प्रभावों का गहन विश्लेषण कर रही है। यदि आयात में हुई इस वृद्धि का उद्देश्य घरेलू खपत ही साबित होता है, तो ड्यूटी बढ़ाने पर फैसला लिया जा सकता है।
अधिकारियों ने बताया कि सरकार का मुख्य उद्देश्य ‘मेक इन इंडिया’ और निर्यात को प्रोत्साहित करना है। किसी भी अंतिम निर्णय से पहले आंकड़ों का गहन विश्लेषण और सभी हितधारकों से परामर्श लिया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछली बार कस्टम ड्यूटी घटाने के उद्देश्य को स्पष्ट किया था लेकिन अब समय आ गया है कि इसके परिणामों की समीक्षा की जाए और अगला कदम उठाया जाए।