Edited By jyoti choudhary,Updated: 25 Sep, 2024 10:43 AM
दुनिया भर में ब्याज दरों में कमी के संकेतों से सोने की कीमतों में तेजी देखी जा रही है, जो शेयर बाजार से भी बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। ऐसा माना जा रहा है है सोने की कीमतों में आगे भी उछाल जारी रह सकता है। पिछले दो साल में सोने के अंतरराष्ट्रीय दाम 60%...
बिजनेस डेस्कः दुनिया भर में ब्याज दरों में कमी के संकेतों से सोने की कीमतों में तेजी देखी जा रही है, जो शेयर बाजार से भी बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। ऐसा माना जा रहा है है सोने की कीमतों में आगे भी उछाल जारी रह सकता है। पिछले दो साल में सोने के अंतरराष्ट्रीय दाम 60% तक बढ़े हैं, जबकि एसऐंडपी 500 में 47.3% और डाऊ जोंस में 28.5% की बढ़ोतरी हुई है। बीएसई सेंसेक्स ने इस अवधि में 39.8% की वृद्धि दर्ज की है।
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सोने ने शेयर बाजारों को छोड़ा पीछे
2024 में भी सोने ने शेयर बाजारों को पीछे छोड़ा है। इस साल अभी तक सोने का दाम 26.8 फीसदी बढ़ा है। जबकि घरेलू इक्विटी बेंचमार्क में 17.1% की तेजी आई है। वहीं डाऊ जोंस इंडस्ट्रियल एवरेज में केवल 11.6% की बढ़ोतरी दर्ज हुई है।
ब्याज दरों में कमी से बॉन्ड यील्ड में गिरावट आई है। अमेरिका के 10 वर्षीय सरकारी बॉन्ड की यील्ड 2023 के उच्चतम स्तर से 120 आधार अंक कम हो चुकी है, जिससे सोने की कीमतों में उछाल आया है। भारत में भी 10 साल की सरकारी बॉन्ड यील्ड में पिछले एक साल में 50 आधार अंकों और इस साल 30 आधार अंकों की कमी आई है।
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ब्याज दरों में कटौती
फेडरल रिजर्व ने चार साल में पहली बार ब्याज दरों में कटौती की है और इसे औपचारिक रूप से दरों में गिरावट की शुरुआत बताया है। यूरोपियन सेंट्रल बैंक (ईसीबी) ने भी ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती की है, जिससे शेयर और सोने दोनों की कीमतें चढ़ी हैं।
गोल्डमैन सैक्स रिसर्च का मानना है कि फेड की कटौती के बाद सोने की कीमतें और भी बढ़ेंगी, खासकर उभरते बाजारों के केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की खरीद बढ़ने के कारण। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सोने की कीमतों में करीब 15% और उछाल आने की उम्मीद है।
जेपी मॉर्गन के विश्लेषकों के मुताबिक सोने की रफ्तार में ब्याज दर कटौती और डॉलर सूचकांक जैसे आर्थिक कारकों के बजाय भू-राजनीतिक तनाव का ज्यादा बड़ा हाथ है।