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Historic jump in Gold price: महंगे सोने ने बदला ट्रेंड, ग्राहक खरीद रहे कम कैरेट और हल्के वजन की Jewelery

Edited By jyoti choudhary,Updated: 17 Mar, 2025 06:08 PM

gold prices at new heights jewelers increased focus on low carat jewelery

मुंबई के हाजिर सर्राफा बाजार में सोने की कीमत 90,500 से 90,800 रुपए प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई, जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में यह 3,000 डॉलर प्रति औंस के ऐतिहासिक उच्च स्तर पर चली गई है। इससे भारत में सोने की मांग पर असर पड़ा है। आभूषण उद्योग इस बात...

बिजनेस डेस्कः सोने की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी ने उपभोक्ताओं के खरीदारी पैटर्न में बड़ा बदलाव ला दिया है। मुंबई के हाजिर सराफा बाजार में सोने के दाम 90,800 रुपए प्रति 10 ग्राम तक पहुंचने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 3,000 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड स्तर को पार करने के बाद ग्राहकों की प्राथमिकताएं बदल रही हैं। शादी-ब्याह और अन्य पारंपरिक मौकों पर सोने की मांग बनी हुई है लेकिन अब लोग भारी गहनों के बजाय हल्के वजन और कम कैरेट के आभूषणों की ओर रुख कर रहे हैं। आभूषण कारोबारियों का कहना है कि उच्च कीमतों के चलते ग्राहक 18 कैरेट या उससे कम शुद्धता वाले गहनों को ज्यादा तरजीह दे रहे हैं। साथ ही, पुराने गहनों को बदलकर नए गहने लेने का चलन भी तेज हो गया है।

मध्यम वर्ग की पहुंच से दूर हो रहा सोना

लंदन स्थित बुलियन रिसर्च फर्म मेटल फोकस के प्रधान सलाहकार चिराग सेठ ने बताया कि मौजूदा उच्च कीमतों के कारण निम्न और मध्यम वर्ग के लिए सोने की खरीदारी कठिन होती जा रही है, जबकि ये वर्ग मात्रा के हिसाब से सबसे बड़े खरीदार हैं। आईआईएम अहमदाबाद के इंडियन गोल्ड पॉलिसी सेंटर द्वारा कराए गए एक सर्वे के अनुसार, आम धारणा के विपरीत, 56% सोना वे लोग खरीदते हैं जिनकी वार्षिक आय 2 लाख से 10 लाख रुपए के बीच है। हालांकि, 2022 के बाद से सोने की कीमत दोगुनी हो गई है लेकिन इस आय वर्ग के लोगों की बचत नहीं बढ़ी, जिससे उनकी खरीदारी क्षमता प्रभावित हुई है।

सोने की कीमतों में उछाल के पीछे कारण

  • सोने की वैश्विक कीमतों में इस उछाल की एक प्रमुख वजह जर्मनी द्वारा बड़े पैमाने पर उधारी लेने और अमेरिका-यूक्रेन के बीच बढ़ते तनाव के कारण निवेशक सुरक्षित संपत्ति के रूप में सोने की ओर रुख कर रहे हैं।
  • अमेरिका स्थित एल्गोरिदम विश्लेषक और अरोड़ा रिपोर्ट के लेखक निगम अरोड़ा के अनुसार, "सोने की कीमतें सरकारी उधारी बढ़ने पर चढ़ती हैं, क्योंकि फिएट मुद्राएं कमजोर होने पर सोना निवेशकों को सुरक्षा प्रदान करता है। हालांकि, मौजूदा तेजी के बाद बाजार में मुनाफावसूली देखने को मिल सकती है।"
  • इसके अलावा, अमेरिकी व्यापार नीतियों को लेकर अस्थिरता और सोने पर संभावित आयात शुल्क बढ़ने की आशंका के कारण निवेशकों में घबराहट बढ़ी है। अमेरिका में अधिक फिजिकल स्टॉक भेजे जाने से भी सोने की कीमतों में तेजी आई है।

आभूषण उद्योग की रणनीति में बदलाव

उच्च कीमतों के चलते भारतीय आभूषण उद्योग अब कम कैरेट और हल्के वजन के आभूषणों पर जोर देने की योजना बना रहा है। इंडियन बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के राष्ट्रीय सचिव सुरेंद्र मेहता ने कहा, "शादी-विवाह से जुड़ी मांग बनी हुई है लेकिन अब ग्राहक कम कैरेट और हल्के आभूषणों की ओर ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं।"

भारत में फिलहाल 14 कैरेट से ऊपर की शुद्धता वाले सोने की ही हॉलमार्किंग की जाती है लेकिन अब 9 कैरेट सोने की हॉलमार्किंग की अनुमति मांगी गई है। 18 कैरेट सोने का उपयोग हीरा जड़ित आभूषणों में अधिक किया जाता है और 9-14 कैरेट के आभूषणों को बढ़ावा देकर उद्योग मांग को बनाए रखने की कोशिश कर रहा है। 

बढ़ती कीमतों से सोने की रीसेलिंग में उछाल

उद्योग से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि इस समय उच्च कीमतों के कारण सोने के सिक्के, बार और आभूषण बेचे जा रहे हैं, ताकि नकदी प्राप्त की जा सके। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) के अनुसार, 2023 की मार्च तिमाही में 34.8 टन पुराना सोना नकदी के लिए बेचा गया था, जो 2024 की मार्च तिमाही में बढ़कर 38.3 टन हो गया। मौजूदा तिमाही में यह आंकड़ा इससे भी अधिक हो सकता है।

WGC के यूरोप और एशिया के सीनियर मार्केट एनालिस्ट जॉन रीड ने कहा, "अमेरिका की व्यापार नीति, वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता और बढ़ते भू-राजनीतिक तनावों के कारण सोने में निवेश बढ़ा है, जिससे कीमतें नई ऊंचाइयों पर पहुंची हैं।"

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