Edited By jyoti choudhary,Updated: 04 Jan, 2025 10:30 AM
साल 2024 के बाद अब नया साल 2025 भी सोने की चमक को बरकरार रखे हुए है। घरेलू बाजार में सोना पिछले साल 20 फीसदी से अधिक का शानदार रिटर्न दे चुका है और यह रफ्तार जारी है। बीते हफ्ते, वैश्विक बाजार में सोने की कीमत 0.74 फीसदी बढ़ी। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज...
बिजनेस डेस्कः साल 2024 के बाद अब नया साल 2025 भी सोने की चमक को बरकरार रखे हुए है। घरेलू बाजार में सोना पिछले साल 20 फीसदी से अधिक का शानदार रिटर्न दे चुका है और यह रफ्तार जारी है। बीते हफ्ते, वैश्विक बाजार में सोने की कीमत 0.74 फीसदी बढ़ी। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर फरवरी 2025 की डिलीवरी वाले सोने का वायदा भाव 77,320 रुपए प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ, जबकि वैश्विक बाजार में सोना शुक्रवार को 2,639.49 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ। आगामी एफओएमसी बैठक के मिनट्स, नॉन-फार्म रोजगार डेटा और अमेरिकी बेरोजगारी दर सोने की कीमतों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि शॉर्ट टर्म में सोने में अच्छी मजबूती देखने को मिल सकती है।
बढ़ी सेफ हैवन डिमांड
एक्सपर्ट्स के अनुसार, सोने की कीमतों में हालिया तेजी मिडिल ईस्ट में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव और बढ़ती वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच गोल्ड की सेफ हैवन डिमांड बढ़ने के चलते आई है। डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को अमेरिका के राष्ट्रपति के पद पर शपथ लेंगे। वे शपथ लेने के बाद बड़े नीतिगत बदलाव कर सकते हैं। इससे बाजार में चिंताएं बढ़ गई हैं। संभव है कि ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रेड वॉर में इजाफा हो। ये सब चिंताएं सोने की कीमतों को सपोर्ट कर रही हैं। ताजा भू-राजनीतिक चिंताओं की बात करें, तो बुधवार सुबह रूस ने कीव पर ड्रोन हमला किया था। इस हमले में दो जिलों को नुकसान पहुंचा। वहीं, इजराइली सेना ने गाजा सिटी के एक उपनगर पर हमला किया था।
सेंट्रल बैंक्स खरीद रहे सोना
कई देशों के सेंट्रल बैंक्स अनिश्चितताओं के खिलाफ बचाव और रिजर्व विविधीकरण की रणनीति के रूप में अपने सोने के भंडार में वृद्धि कर रहे हैं, इससे कीमतों में इजाफा हो रहा है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार, केंद्रीय बैंकों ने 2024 के पहले 10 महीनों में लगभग 740 टन सोना खरीदा था। हालांकि, डॉलर की मजबूती के चलते सोने की रफ्तार कुछ धीमी हुई। डॉलर इंडेक्स लगातार छठे सप्ताह बढ़ा है। डॉलर इस समय दो साल के उच्च स्तर पर है। इससे अन्य मुद्राओं वाले निवेशकों के लिए सोना खरीदना महंगा हो गया है।